रांची: करोड़ों रुपये के चिटफंड घोटाला मामले में चार कंपनियों के झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के 19 ठिकानों पर गुरुवार को सीबीआइ की एसीबी शाखा ने छापेमारी शुरू की। कंपनियों में जीएनटी ओवरसीज इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया लिमिटेड, मंगलम एग्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड, यूकिनोक्स लैंड प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड और संकट इंवेस्टमेंट एंड मार्केटिंग लिमिटेड शामिल है। अबतक की जांच में यह बात साफ हुई है कि चारों में से कोई कंपनी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) और सेबी से रजिस्टर्ड नहीं थी। कंपनियों के सीलबंद दफ्तरों का ताला दंडाधिकारी की मौजूदगी में खुलवाकर जांच एजेंसी सर्च कर रही है। अब तक की जांच में 50 से ज्यादा हार्डडिस्क और कंपनियों की स्कीमों से संबंधित लोकलुभावन दस्तावेजों को जब्त किया गया है।
उल्लेखनीय है कि पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला में उक्त चारों चिटफंड कंपनियों के खिलाफ 30 अप्रैल 2013 को कांड संख्या 26/13 दर्ज किया गया था। हाई कोर्ट ने 11 मई 2015 को पीआइएल नंबर 1635 के मामले में सीबीआइ जांच का आदेश दिया था। इसी आधार पर रांची स्थित सीबीआइ के एसीबी ब्रांच में कांड संख्या आरसी 8(एस)/15 दर्ज किया था।
आरबीआइ और सेबी से नहीं है रजिस्टर्ड
अब तक की जांच में यह बात साफ हुई है कि चारों में से कोई कंपनी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) और सेबी से रजिस्टर्ड नहीं थी। इनमें से जीएनटी ओवरसीज इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया लिमिटेड, मंगलम एग्रो प्रोडक्टस लिमिटेड, यूकिनोक्स लैंड प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड का मुख्यालय कोलकाता में है, जबकि संकट इंवेस्टमेंट एंड मार्केटिंग लिमिटेड का मुख्यालय भुवनेश्वर में है। इन कंपनियों ने झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अवैध तरीके से दफ्तर खोल लोगों की गाढ़ी कमाई लूट रहे थे।
कंपनी के दफ्तरों पर यहां पड़ा छापा
उक्त चारों कंपनियों के झारखंड स्थित दहीगोड़ा और घाटशिला, पश्चिम बंगाल में कोलकाता और ओडिशा में भुवनेश्वर स्थित ठिकाने पर छापे पड़े।
निदेशकों और प्रबंधकों के ठिकानों पर यहां पड़ा छापा
घाटशिला, भुवनेश्वर, अंगुल, कोलकाता, वीरभूम, चंदन नगर, बीजपुर, इस्ट मिदनापुर और पश्चिम बंगाल में दक्षिण 24 परगना।