जगदलपुर। बस्तर में दर्जन भर से अधिक चिटफंड कंपनियों ने लोगों का करोड़ों रुपए निवेश कर बोरिया बिस्तर समेट लिया है। जिला प्रशासन की जांच समिति ने महज नोटिस जारी कर जांच की खानापूर्ति की। वहीं फाइल क्लोज कर दी गई है।
बस्तर में गरिमा फाइनेंस, माइक्रोफाइनें, ग्र्रीनरे इंटरनेशनल, सन राइस, अनमोल एग्रो, साथी मल्टी समेत अन्य कंपनियों ने ग्रामीण व शहरी इलाकों में अपना मकड़जाल फैलाकर लोगों के करोड़ों रुपए निवेश करवाए। खासतौर पर लोहंडीगुड़ा तथा नगरनार गांवों में प्रस्तावित इस्पात संयंत्र प्रभावितों को मिले मुआवजा राशि का अधिकांश हिस्सा इन चिटफंड कंपनियों ने लुभावना स्वप्न दिखाकर हड़प लिया। छह माह पहले छह कंपनियों के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने प्रारंभिक जांच उपरांत जिला प्रशासन को दस्तावेज अग्रेषित किया था। वहीं राज्य में काफी संख्या में चिटफंड कंपनियों के द्वारा धोखाधड़ी कर फरार होने के बाद जिला स्तर पर जांच समिति का गठन किया गया था। अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी में एसडीएम, तहसीलदार, एडिशनल एसपी भी शामिल किए गए थे। समिति ने शहर के पांच चिटफंड कंपनियों के दफ्तरों में छापेमारी की थी। इन्हें नोटिस जारी कर दस्तावेज जमा करने कहा गया था। इनमें अनमोल एग्रो, सनशाइन, साथी मल्टी, मिलियन माइंस व रोजवेली शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार इनमें से मिलियन माइंस एवं अनमोल एग्रो ने आजपर्यन्त कागजात जमा नहीं किए हैं। वहीं अधिकतर ने अपना कामकाज समेट लिया है। समिति ने अपनी जांच समाप्त कर फाइल क्लोज कर दी है जबकि लोगों के गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपए डूब चुके हैं। गौरतलब है कि आरबीआई से ट्रेडिंग का लाइसेंस लेकर इसकी आड़ में उपरोक्त कंपनियों के द्वारा खुलेआम बैकिंक व्यवसाय किया जा रहा था।
कलेक्टर को अधिकार
चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी रोकने के लिए हाल ही में राज्य सरकार द्वारा नए कानून को मंजूरी दिए जाने के बाद कलेक्टर को कार्रवाई का अधिकार दिया गया है। नए कानून के अनुसार चिटफंड कंपनी की शिकायत के तीस दिनों के भीतर मामले की जांच की जाएगी। वहीं कपंनी संचालक के फरार होने की आशंका पर कलेक्टर संपत्ति जब्त या कुर्क करने का आदेश दे सकेंगे। अधिनियम में कंपनी के वित्तीय स्थिति का आंकलन सीए से करवाने तथा पुलिस द्वारा प्रकरण की जांच का प्रावधान किया गया है। दोषी पाए जाने पर संचालक को विशेष न्यायालय से सात से लेकर दस साल की सजा का प्रावधान रखा गया है।
शिकायत आने पर देखेंगे
'छह कंपनियों को नोटिस दी गई है। इनमें से चार ने दस्तावेज मुहैया करवाए हैं। चिटफंड कंपनियों के बारे में शिकायत नहीं मिल रही है। केवल मीडिया रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई नहीं की जा सकती है। पिᆬलहाल जांच समाप्त हो गई है।' - आरआर ठाकुर,अपर कलेक्टर व अध्यक्ष जांच समिति
See Also: दो दर्जन कंपनियों में नहीं करें लेन देन