Chit Fund companies cheated the people will get something back
Admin | 25 January, 2016 | 851 | 3980
रायपुर. चिटफंड और ज्यादा ब्याज का झांसा देने वाले 20 कंपनियां पिछले एक दशक में राजधानी के लोगों से 310 करोड़ रुपए से ज्यादा ठग चुकी हैं। इन कंपनियों में पैसे लगाने वाले इसकी वापसी की उम्मीद छोड़ चुके हैं। लेकिन नए कानून पर सिस्टम से अमल किया गया तो प्रशासन ऐसे लोगों को कुछ तो रकम लौटा ही सकता है।
नए कानून में प्रशासन को अधिकार दिया गया है कि बंद हो चुकी फर्जी कंपनियों की संपत्ति को अदालत के निर्देश पर बेचकर मिली रकम निवेशकों को लौटाई जा सकती है।
इस आधार पर पुलिस और प्रशासन ने मिलकर फ्रॉड कंपनियों की संपत्ति का ब्योरा हासिल करना, उन्हें सीज करना और कुर्क करके कोर्ट में प्रस्तुत करना भी शुरू कर दिया है।
दैनिक भास्कर ने पुलिस और प्रशासन के आला अफसरों के आंकलन के आधार पर यह अनुमान निकाला है कि ऐसा करके लोगों को उनकी निवेश की हुई रकम में से 10 से 15 फीसदी हिस्सा वापस मिल भी सकता है। प्रशासन ने भी इसका सिस्टम बनाने की तैयारी कर ली है।
राजधानी में पिछले 10 साल में अलग-अलग समय में 20 चिटफंड कंपनियों ने राजधानी में अपना जाल फैलाया। किसी ने कम समय में दोगुने फायदे का झांसा जिया, तो किसी ने सस्ते पर जमीन-फ्लैट का लालच दिया।
20 कंपनियों ने हजारों लोगों ने झांसे में आकर कुल 310 करोड़ रुपए का निवेश किया। यह आंकड़े अब तक पुलिस को एफआईआर के जरिए मिली सूचनाओं पर आधारित हैं। जब कंपनियां भागीं, तब पुलिस ने कार्रवाई शुरू की।
नया कानून आने के बाद इनमें से कुछ कंपनियों की संपत्ति सीज करने का सिलसिला शुरू हुआ। अफसरों ने बताया कि सिर्फ रायपुर और आसपास धोखेबाज कंपनियों की 10 करोड़ रुपए की संपत्ति सीज की जा चुकी है। और संपत्ति का पता चल रहा है।
अनुमान है कि संपत्ति 50 करोेड़ रुपए के आसपास पहुंच सकती है। पुलिस ने जब्त संपत्ति बेचने के लिए अलग-अलग अदालतों में अर्जियां लगानी शुरू कर दी हैं। अदालतों ने आग्रह किया गया है कि संपत्ति बेचकर लोगों को रकम लौटाने की अनुमति दी जाए।
देशभर में हजारों करोड़
राजधानी और छत्तीसगढ़ में ठगी करनेवाली कुछ कंपनियां ऐसी भी हैं, जिनकी संपत्ति देशभर में फैली है। पुलिस उनका आंकलन भी कर रही है। अफसरों ने बताया कि दो कंपनियों एचबीएन और पर्ल ग्रुप की देश में हजारों करोड़ की संपत्ति है।
पर्ल ग्रुप की संपत्ति तो लगभग 45 हजार करोड़ रुपए बताई जा रही है। सीबीआई जांच में पता चला है कि इस कंपनी ने पंजाब और हरियाणा ही नहीं, आस्ट्रेलिया में भी कालोनियां बसा रखी हैं।
इसी तरह, एचबीएन कंपनी की देशभर में 500 करोड़ रुपए की संपत्ति का पता चल चुका है। पुलिस आंकलन कर रही है कि इससे प्रदेश के लोगों को क्या लाभ हो सकता है?