अंबिकापुर(निप्र)। नियम प्रक्रियाओं का पालन किए बगैर कम समय में ज्यादा रिटर्न का झांसा देकर लोगों से बड़ी रकम निवेश कराने वाली सात कंपनियों के स्थानीय कार्यालयों में सीलबंदी की कार्रवाई करने के बाद प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। कलेक्टर ऋतु सैन के निर्देश पर जिला कोषालय अधिकारी ने बीएन गोल्ड रियल स्टेट कंपनी के स्थानीय शाखा प्रबंधक व अन्य कर्मचारियों के विरूद्घ धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्घ कराया है। आने वाले दिनों में शेष बची कंपनियों के खिलाफ भी आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की तैयारी चल रही है। पहली बार प्रशासन की सख्त कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है। इन्हीं कंपनियों के समान शहर में संचालित दूसरे कंपनियों के स्थानीय कार्यालयों में ताला लटका नजर आ रहा है। सीलबंद कंपनी के कार्यालयों के आसपास राशि निवेश करने वाले लोग चक्कर काटना भी शुरू कर दिया हैं। राशि जमा करने वालों की चिंता है कि अब उनकी जमा राशि का क्या होगा? प्रशासन की ओर से निवेशकों के संबंध में अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
विदित हो कि लंबे समय से शहर में कार्यालय खोलकर संभाग के नगरीय और ग्रामीण इलाकों में एजेंटों के माध्यम से जाल बिछाकर धंधा कर रहे कथित कंपनियों के खिलाफ बीते गुरूवार को शहर में बड़ा अभियान चलाया गया था। एसडीएम अजीत बसंत आईएएस, सीएसपी आशुतोष सिंह आईपीएस, जिला कोषालय अधिकारी लाजरूस मिंज, नायब तहसीलदार श्री सोनपिपरे, गांधीनगर थाना प्रभारी नरेश चौहान, आरआई शशिकांत दुबे के नेतृत्व में छापे की कार्रवाई की गई थी। इस दौरान नियम प्रक्रियाओं का पालन किए बगैर बैंकों की तर्ज पर लेनदेन करने वाली सात कंपनी बीएन गोल्ड रियल स्टेट एंड एलाईड लिमिटेड, विनायक होम्स एवं रियल स्टेट कंपनी, सांई कुटुंब कंपनी, सांई प्रसाद कंपनी, पीएसीएल, रोजवैली, के स्थानीय कार्यालय में ताला जड़ दिया था। कार्रवाई के दौरान कुछ कार्यालयों से जांच पड़ताल के लिए कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए थे। इसमें डाकघर और बैंकों से ज्यादा रिटर्न की जानकारी मिली थी। उर्सूलाईन स्कूल के सामने संचालित बीएन गोल्ड रियल स्टेट एंड एलाईड लिमिटेड में छापे के दौरान कुछ दस्तावेज जब्त किए गए थे। दस्तावेजों की जांच में पता चला कि लोगों को धोखे में रखकर बड़ी राशि जमा कराई गई है। भारतीय रिजर्व बैंक अथवा सेबी से न तो कोई पंजीयन कराया गया है और न ही कंपनी के पास लाईसेंस ही है। इसके बावजूद छह वर्ष में ढाई गुना तथा पांच वर्ष में दोगुना रकम वापसी का झांसा देकर कंपनी द्वारा बैंकों के समान योजनाएं संचालित कर ग्राहकों से बड़ी रकम जमा कराई जा रही थी। एफडी, आरडी जैसे खाते भी खोले गए थे। जांच के दौरान जो दस्तावेज जब्त किए गए थे उससे खुलासा हुआ है कि ग्राहकों को कम समय में ज्यादा रिटर्न का झांसा दिया गया था। रकम जमा करने और वापसी का प्रमाणपत्र भी जारी किया गया था। इसके दस्तावेजी प्रमाण पाए गए हैं। इन्हीं गड़बड़ियों के कारण कलेक्टर ऋतु सैन ने कंपनी के खिलाफ अपराध दर्ज कराने का निर्देश दिया था। गांधीनगर थाना प्रभारी नरेश चौहान ने बताया कि जिला कोषालय अधिकारी लाजरूस मिंज की रिपोर्ट पर बीएन गोल्ड रियल स्टेट एंड एलाईड लिमिटेड के स्थानीय शाखा प्रबंधक देवेंद्र साहू एवं अन्य के खिलाफ धारा 420, 34 का अपराध दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी ने बताया कि मामला सीधे-सीधे धोखाधड़ी का है। लोगों को धोखे में रखकर बड़ी रकम जमा कराई गई है। फिलहाल एक कंपनी के खिलाफ अपराध दर्ज कराने के बाद प्रशासन दूसरी कंपनियों की भी जांच पड़ताल में लग गई है। आने वाले दिनों में इन कंपनियों के खिलाफ भी आपराधिक प्रकरण दर्ज कराई जाएंगी। इन कंपनियों द्वारा कैसे कम समय में राष्ट्रीयकृत संस्थाओं से अधिक व्याज दिया जा रहा था यह अधिकारी भी नहीं समझ पा रहे हैं। उम्मीद की जा रही थी कि सीलबंदी की कार्रवाई के बाद इन कंपनियों से जुड़े जिम्मेदार लोग अपना पक्ष रखने प्रशासन के समक्ष उपस्थित होगे,लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। किसी भी कंपनी से जुड़े लोग प्रशासनिक जांच में सहयोग के लिए सामने नही आए और न ही अपनी कंपनी को प्रशासन से क्लीन चिट दिलाने के लिए ही कोई पुख्ता दस्तावेज प्रस्तुत किए। जिला कोषालय अधिकारी लाजरूस मिंज ने बताया कि कथित कंपनियों से जुड़े लोग सामने आएंगे तो जांच और कार्रवाई आगे बढ़ेगी। शहर में कुछ और कथित कंपनियों के कार्यालय संचालित हैं जो प्रशासनिक कार्रवाई के बाद खुल ही नहीं रहे