नई दिल्ली: स्विट्जरलैंड ने गैजेट जारी कर स्विस बैंकों में पैसा जमा रखने वाले पांच भारतीयों-यशोवर्धन बिड़ला (इन्हें यश बिड़ला के नाम से भी पुकारा जाता है), गुरजीत सिंह कोचर, रितिका शर्मा, सैयद मोहम्मद मसूद और चांद कौसर मोहम्मद मसूद के नाम सार्वजनिक कर दिए हैं. स्विस फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने अभी जिन पांच नामों का खुलासा किया है, उन लोगों समेत स्विस बैंक के अधिक ब्योरा साझा करने से रोकने की अपील करने के लिए 30 दिन का वक्त दिया है. खाताधारक अधिक ब्योरा सार्वजनिक किए जाने से बचने के लिए स्विट्जरलैंड के फेडरल एडमिनिस्ट्रेटिव कोर्ट में अपील कर सकते हैं. इससे पहले सोमवार को दो भारतीयों-स्नेहलता साहनी और संगीता साहनी के नाम सामने आए थे. भारत स्विट्जरलैंड सरकार से संदिग्ध कर चोरों के बारे में सूचना साझा करने की मांग करता रहा है, ताकि उनकी जांच की जा सके.
कौन हैं यश बिड़ला?
यशोवर्धन बिड़ला यश बिड़ला समूह के चेयरमैन हैं. यह समूह देश के बिड़ला उद्योगपति घराने से जुड़ा है. वे घनश्यामदास बिड़ला के भाई के पड़पोते हैं. 47 साल के यश के माता-पिता अशोक और सुनंदा बिड़ला की 1990 में विमान हादसे में मौत हो गई थी. तब यश 22 साल के थे. आज वे जिस समूह के मालिक हैं, उसकी 10 लिस्टेड कंपनियां हैं जो पावर, इन्फ्रास्ट्रक्चर, टूल्स और टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टर में काम कर रही हैं. 2014 में यश बिड़ला समूह का टर्नओवर 3000 करोड़ रुपए था.
क्या हैं आरोप?
यश बिड़ला समूह पर प्रवर्तन निदेशालय की जांच चल रही है. यह समूह पावर प्रोजेक्ट के लिए निवेशकों से मिले पैसे को दूसरे जमीनी लेनदेन में ट्रांसफर करने का आरोपी है. बिड़ल पावर सॉल्यूशंस ने 250 करोड़ रुपए इन्वेस्टर्स और छोटी कंपनियों से जुटाए थे. लेकिन आरोप है कि जब प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं हुआ तो कंपनी ने पैसे नहीं लौटाए और उससे जमीनें खरीद लीं. लेनदेन के लिए विदेशी खातों का भी इस्तेमाल होने के आरोप हैं.
कौन हैं गुरजीत सिंह कोचर?
कोचर शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा के दामाद हैं. चड्ढा की 2012 में हत्या हो गई थी. बताया जाता है कि वे पोंटी चड्ढा के वेव ग्रुप की कई कंपनियों में डायरेक्टर हैं.
कोचर 2012 में सुर्खियों में आए थे जब इनकम टैक्स विभाग ने वेव ग्रुप के कई परिसरों पर छापा मारकर 200 करोड़ रुपए की अवैध राशि जब्त की थी. इस छापे में कोचर के घर से भी 38 करोड़ रुपए जब्त किए गए थे. माना जाता है कि कोचर वेव समूह के दुबई में कारोबार को संभालते हैं.
कौन हैं स्नेहलता साहनी और संगीता साहनी?
स्नेहलता का स्विस बैंक में पति भूषणलाल साहनी के साथ जॉइंट अकाउंट है. भूषणलाल साहनी साहनी टायर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, दोनों ने स्विस बैंक में अपना अकाउंट 1970 में खोला था. 2006-07 में उसमें 12.64 करोड़ रुपए थे. बेटे प्रवीण साहनी के खाते को मिलाकर परिवार के स्विस बैंकों में 16.7 करोड़ रुपए जमा थे. नवंबर 2012 में अरविंद केजरीवाल के संगठन इंडिया अगेन्स्ट करप्शन ने भी एक रिपोर्ट जारी कर आरोप लगाया था कि प्रवीण साहनी का स्विट्जरलैंड की बैंक में खाता है. संगीता साहनी प्रवीण साहनी की पत्नी हैं. उनके खाते के डिटेल्स अब तक सामने नहीं आए हैं.
सैयद मोहम्मद मसूद और चांद मसूद
सैयद मोहम्मद मसूद मुंबई में सिटी लिमोजिन के चेयरमैन हैं. चांद उनकी पत्नी हैं. यह कंपनी 500 करोड़ रुपए के कथित पोंजी स्कीम घोटाले में ईडी की जांच से गुजर रही है. ईडी को अपनी जांच में दो स्विस खातों की लिंक मिली थी. उनमें 12.5 लाख डॉलर जमा होने का आरोप है. ईडी इस समूह की 130 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच कर चुकी है.
रितिका शर्मा
रितिका का नाम भी स्विस सरकार के गैजेट में सामने आया है. वे दिल्ली की कारोबारी बताई जाती हैं. उनके बारे में इससे ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है.
क्यों सामने आए ये नाम?
ईडी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कर चोरी और फेमा उल्लंघन के मामलों में इन लोगों के खिलाफ जांच कर रहा है. दोनों विभागों ने स्विस सरकार से इन लोगों के अकाउंट डिटेल्स बताने को कहा था.
क्या डिटेल्स सामने आएंगे?
अभी नहीं. भारत सरकार के अनुरोध पर स्विस सरकार के फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन ने गैजेट में इन लोगों के नाम दिए हैं. इन्हें 30 दिन की मोहलत दी गई है. इन 30 दिनों में ये लोग अपील दायर कर सकते हैं कि उनके अकाउंट डिटेल्स भारत सरकार के साथ साझा न किए जाएं. अगर कोई अपील करता है तो स्विस सरकार उस पर सुनवाई करेगी. अपील करने वालों को उनके पैसे के सोर्स को जायज बताते दस्तावेज पेश करने होंगे.
क्या और नाम सामने आएंगे?
आ सकते हैं. स्विस सरकार इस महीने अब तक 40 गैजेट नोटिस जारी कर चुकी है. दो दिन में 5 भारतीयों के नाम सामने आए हैं. आने वाले दिनों में और गैजेट नोटिस जारी होते हैं तो उनमें कुछ और भारतीयों के नामों का खुलासा हो सकता है.