जनता को धोखा देनेवाली जिन कंपनियों का दूसरे राज्यों में कारोबार बंद हो गया है और ब्लैकलिस्टेड कर दी गयी हैं, वे झारखंड के बाजारों में धन की उगाही कर रही हैं. पर सरकार के पास इन कंपनियों के सर्वे और निबंधन का कोई ऐसा कड़ा कानून नहीं है, जिससे इस बात की जानकारी मिल सके. लिहाजा दूसरे राज्यों के आम लोगों को करोड़ों का चूना लगानेवाली कंपनियों के लिए झारखंड चारागाह बना हुआ है.
त्रिपुरा सरकार ने भेजी लिस्ट
त्रिपुरा सरकार के स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की ओर से झारखंड के निबंधन विभाग के आईजी को पिछले दिनों एक चिट्ठी भेजी गई. त्रिपुरा सरकार की चिट्ठी में साफ लिखा है कि राज्य में लोगों का करोड़ों रुपए का चूना लगा चुकी दर्जनों कंपनियों को त्रिपुरा उच्च न्यायालय द्वारा ब्लैकलिस्टेड किया गया था. ये कंपनियां झारखंड में करोड़ों अरबों का अचल संपत्ति खड़ा कर चुकी हैं. इन कंपनियों पर त्रिपुरा के अलग अलग थानों में प्राथमिकी दर्ज है.
ये हैं वे कंपनियां जिनके प्रतिष्ठान रांची, बोकारो और धनबाद में हैं
1..SIRIUS INDUSTRIES LTD के राजहंस गुप्ता का आलिशान भवन बोकारों में
2..ANGLE AGRITECH LTD के सुमंत्रा सिन्हा की करोड़ों रुपए की संपत्ति रांची में
3..KOLKATA WEIR INDUSTRIES LTD के रतन कुमार की करोड़ों रुपए की संपत्ति धनबाद में .
4..BASIL INTERNATIONAL LTD के मो अफाक अहमद की करोड़ों की अचल संपत्ति धनबाद में
5..ROSE VALLEY HOTELS AND ENTERTAINMENT LTD का पार्क प्राईम होटल रांची में
इसके अलावा APPELINE COSMETIC AND TOILETRIES, NIXCIL PHARMACEUTICALS
सहित कई कंपनियों का दफ्तर या आलिशान भवन झारखंड के बड़े शहरों के प्राईम लोकेशन में है और सरकार को पता नहीं.
खुद भी पहुंचे अधिकारी
इस मामले में केवल चिट्ठी ही नहीं भेजी गई, बल्कि एसआईटी के इंस्पेक्टर सूरसेन त्रिपुरा खुद रांची पहुंचकर सरकार के अधिकारियों से बातचीत की. ईटीवी/प्रदेश 18 ने त्रिपुरा सरकार द्वारा भेजे गए अधिकारी से भी मुलाकात की. उनके मुताबिक झारखंड सरकार से इन परिसपंत्तियों का डिटेल मांगा गया है. इसके बाद इनको अटैच करने पर विचार किया जाएगा. वहीं सरकार की कोई भी एजेंसी बहुत कुछ बोलने को तैयार नहीं है. अर्थशास्त्र के जानकार हरिश्वर दयाल की माने तो ऐसी कंपनियों पर राज्य और केन्द्र की जांच एजेंसियां कार्रवायी कर सकती हैं.