कोलकाता: करोड़ों रुपये गबन करने के आरोप में महीनों से फरार विशाल ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक रतन चौधरी व उनके दामाद सुजीत आचार्य को शनिवार रात नागपुर से गिरफ्तार किया गया है. गुप्त सूचना के आधार पर नदिया के चाकदह थाने की पुलिस ने स्थानीय सोनेगांव थाने की मदद से ससुर व दामाद को उनके घर से गिरफ्तार किया. रविवार को आरोपियों को नागपुर की अदालत में पेश किया गया.
अदालत ने आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर बंगाल पुलिस के हवाले करने का निर्देश दिया है. सोमवार शाम तक बंगाल पुलिस आरोपियों को लेकर रेलमार्ग से हावड़ा स्टेशन पहुंचेगी. मंगलवार को कल्याणी कोर्ट में दोनों को पेश किया जायेगा. जानकारी के अनुसार, पुलिस ने नागपुर से 53 लाख रुपये जब्त किये हैं. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है. चिटफंड के नाम पर रतन चौधरी पर 500 करोड़ से अधिक रुपये का गबन करने का आरोप है. एफआइआर में कुछ और अधिकारियों के नाम दर्ज हैं लेकिन वे फरार हैं.
निवेशकों के 500 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप
अलग-अलग स्कीम के तहत विशाल ग्रुप में हजारों की संख्या में ग्राहकों ने निवेश किया था. बंगाल के अलावा बिहार व झारखंड के लोगों ने भी इस कंपनी में रुपये निवेश किया था. बताया जा रहा है कि पिछले एक वर्ष से मैच्यूरिटी पूरा होने के बावजूद ग्राहकों को उनकी जमा राशि नहीं मिल रही थी. इसे लेकर ग्रुप के एजेंटों पर ग्राहकों का दबाव बढ़ता जा रहा था. 25 सितंबर 2014 को चाकदा थाने में मालिक रतन चौधरी सहित कंपनी के कई अधिकारियों के खिलाफ करोड़ों रुपये के गबन व धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करायी गयी. इसके बाद मालिक सहित सभी आरोपी फरार हो गये. पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल रहा था. जानकारी के अनुसार, ग्रुप के एजेंट की सूचना के आधार पर चाकदा थाने की पुलिस नागपुर पहुंची. पुलिस ने नागपुर के सोनेगांव थाना अंतर्गत मनीष बाजार स्थित एक बहुमंजिली इमारत के तीसरे तल्ले (फ्लैट संख्या 401) में छापेमारी की व ससुर और दामाद को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, इस पूरी घटना में दामाद की भूमिका अहम मानी जा रही है. चाकदह पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी.