जगदलपुर: कम समय में पैसे डबल करने के लालच में बस्तर के कई ग्रामीण चिटफंड कपंनी के जाल में ऐसे उलझ गए हैं की अब उनके सामने उनकी निवेश की गई रकम वापस पाने की मजबूरी है। हालांकि बस्तर में इस तरह की कंपनियों की लिस्ट लंबी है।
लेकिन लगभग 4 से 5 वर्ष पहले जिला प्रशासन के दखल के बाद जगदलपुर में सील की गई कंपनी सांई प्रसाद फूड अब भी ओड़िशा के जयपुर में बस्तर के ग्रामीणों को झूठी आस दिखा कर निवेश करा रही है।
जब हरिभूमि ने पूरे मामले की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाली जानकारी मिली। सांई प्रसाद के एजेंटों द्वारा तोकापाल, जगदलपुर एवं बकावण्ड ब्लाक में ही हजार से अधिक खाते खोले गए जिसकी रकम जयपुर के पाराबेड़ा स्थित कार्यलय में जमा कराया गया।
बकावण्ड के एक एजेंट सोनधर से जब इस बारे में पूछा गया कि किस बीना पर वह लोगों के पैसे चिटफंड कंपनी में लगा रहा है तो उसने जवाब दिया कि उसने लगभग 3 सौ खाते खोले हैं जिसमें लोगों ने लगभग 5 लाख से अधिक का निवेश किया है।
कंपनी के अधिकारियों ने उसे बताया कि सभी खाता धारकों का पैसा उन्हे जल्द ही मिल जाएगा। जिसके लिए बकायदा जयपुर में सांई प्रसाद कंपनी का कार्यालय भी है। लेकिन जब जयपुर स्थित कार्यालय में इस बात की पड़ताल की गई तो मामला बिलकुल ही अलग निकला।
जयपुर कार्यालय के मैनेजर शिवाव्रत भगती ने बताया कि कंपनी ने निवेश कराने का कार्य बंद कर दिया है और लोगों को उनकी मेच्युरिटी आने पर पैसा दिया जा रहा है। लेकिन यह पैसा उन्हे कब और कैसे मिलेगा यह बता पाना मुश्किल है।