Assembly : Chit fund case In Huge commotion, Dropped out House Of Proceedings
Admin | 12 March, 2016 | 1248 | 3980
रायपुर - विधानसभा में गुरुवार को विपक्ष ने चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। उसने सरकार पर चिटफंड कंपनियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। विपक्ष के इस मामले में लाए काम रोको प्रस्ताव को अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने अग्राह्य कर दिया। शोरगुल की वजह से अध्यक्ष ने पांच मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित भी करनी पड़ी।
मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा से भाग नहीं रही। कार्रवाई जरूर होगी।
शून्यकाल में भूपेश बघेल ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि मामले को लेकर पूरा सदन चिंतित है लेकिन सरकार समुचित कार्रवाई नहीं कर रही। प्रदेशभर में आंदोलन हो रहे हैं। उन्होंने चिटफंड कंपनियों की संपत्ति जब्त कर निवेशकों को राशि लौटाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि इसी तरह एक स्कूल संचालक भाग गया और सरकार देखती रह गई। इसलिए आरोपियों की गिरफ्तारी हो। पैसा कैसे वापस होगा, सरकार तय करे। सत्यनारायण शर्मा ने भी कहा कि मामला बेहद गंभीर है। हजारों परिवार परेशान हैं। सरकार उनकी चिंता करने में विफल रही है। प्रश्रय किसे-किसे दिया जा रहा इसका खुलासा होना ही चाहिए।
अरुण वोरा ने कहा कि 30 से ज्यादा अभिकर्ता आत्महत्या कर चुके हैं। धनेंद्र साहू ने कहा कि पांच हजार करोड़ से अधिक का मामला है। मोहन मरकाम ने कहा कि सरकार पं. बंगाल व ओडिशा की तरह निवेशकों के पैसे लौटाने का इंतजाम करे।
अमित जोगी ने कहा कि इससे संबंधित अधिनियम को लेकर दस साल सरकार व राष्ट्रपति के बीच क्या-क्या संवाद हुआ, इसकी जानकारी दी जाए। 2009 में इसके रूल बने। कितनी वित्तीय संस्थाएं पंजीकृत हैं बताएं। नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि उनकी जानकारी में मामले से जुड़े पांच लाख अभिकर्ता हैं। एक करोड़ खाते हैं।
यदि एक-एक खाते में न्यूनतम दस-दस हजार रुपए जमा हुए होंगे तो भी दस हजार करोड़ का मामला है। यह छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा घोटाला है। अध्यक्ष ने स्थगन अग्राह्य किया तो कांग्रेस विधायक सदन में नारेबाजी करने लगे।
अध्यक्ष ने ध्यानाकर्षण के लिए अमित जोगी का नाम पुकारा, लेकिन शोरगुल की वजह से खड़े रहे। अध्यक्ष ने पांच मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस विधायकों ने फिर चर्चा की मांग दोहराई। नारेबाजी होती रही।
भूपेश ने नान घोटाले के दस्तावेज, सीडी व डायरी सदन में पेश करने की चुनौती दी
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भूपेश बघेल ने गुरुवार को विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान सरकार को नान घोटाले से जुड़े दस्तावेज, सीडी और एसीबी द्वारा जब्त डायरी सदन में पेश करने की चुनौती दी। बघेल ने कहा कि आखिर सरकार मामले की सीबीआई जांच क्यों नहीं कराना चाहती।
उन्होंने कहा कि एसीबी ने पूरक चालान पेश करने की बात कही थी किंतु आज तक कोर्ट में जमा नहीं हुआ है। करोड़ों के घोटाले की सच्चाई को जनता जानना चाहती है। इसमें लिप्त एक-एक व्यक्ति का नाम उजागर होना चाहिए।
बघेल ने कहा कि जब जग्गी हत्याकांड को तुरंत सीबीआई को सौंप सकते हैं तो इस मामले को क्यों नहीं सौंप रहे? इस पर आपत्ति करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे ने कहा कि जो मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं और चालान पेस हो गए हैं उनका सदन में उल्लेख नहीं किया जा सकता।
यदि कोई तथ्य हैं तो कोर्ट में दीजिए। विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि कोर्ट जाकर सीबीआई जांच की मांग करें वही कर सकता है।