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Another company in the city of 13 crore Smoothy do Participator

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रायपुर. शहर में एक और चिटफंड कंपनी का भांडा फूटा, लेकिन हकीकत सामने आने के पहले कंपनी साढ़े छह सौ लोगों से 13 करोड़ की ठगी कर फरार हो गई है। पुलिस ने शिकायत के बाद पं. बंगाल की कंपनी एसपीएनजे कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।



कंपनी का दफ्तर पचपेड़ी नाका वल्लभ में है। दफ्तर में ताला लग चुका है।




दफ्तर बंद होने के बाद ही लोगों को शक हुआ और राजेंद्रनगर थाने में शिकायत की गई। पुलिस अफसरों ने बताया कि 2009 में एसपीएनजे चिटफंड कंपनी ने अपना दफ्तर खोलकर लोगों से निवेश करवाना शुरू किया। राजकुमार बैनर्जी और डाली गुप्ता को कंपनी का डायरेक्टर बताया गया।


 


उनका दलदल सिवनी में मकान था। कंपनी ने साढ़े पांच साल में रकम दोगुना करने का झांसा देकर पैसे निवेश करवाए। इसी तरह की कंपनी की छोटे निवेश के लिए भी कई तरह की स्कीम चल रही थी। कंपनी के जिम्मेदारों ने पूरी प्लानिंग के साथ गांव-गांव में अपने एजेंट बनाए।


 


उन्हें मोटे कमीशन का झांसा देकर उनके माध्यम से पैसे निवेश करवाए। अभी तक पता चला है कि कंपनी पूरे प्रदेश में छह सौ से ज्यादा लोगों ने निवेश करवा चुकी है। इसमें से ज्यादातर किसान और छोटे कारोबारी हैं। चार साल तक कंपनी लोगों को कुछ पैसा अदा करती रही।


 


उसके बाद जैसे-जैसे पॉलिसी पूरी होने का समय करीब आने लगा कंपनी ने पैसे देना बंद कर दिया। पूछताछ करने निवेशकों को एकमुश्त पैसा देने का आश्वासन दिया गया।




डायरेक्टर जेल में :


3 अक्टूबर 2015 में दल्लीराजहरा पुलिस ने डायरेक्टर राजकुमार बैनर्जी, मौसमी और डाली गुप्ता को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तीनों दुर्ग जेल में बंद है। तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला चल रहा है।


 


ऐसे की धोखाधड़ी

कंपनी ने तीन स्कीम शुरू की थी। एक फिक्स डिपोजिट, छह माही और हर माह ब्याज की स्कीम। लोगों से पैसे लेने के बाद कंपनी चार साल तक पैसे देती रही। इससे लोगों का भरोसा बढ़ता गया और निवेश बढ़ने लगा।


 


निवेशक बढ़ने के बाद बड़ी रकम इकट्ठा हो गई। उसके बाद कंपनी ने किश्त देने के लिए आनाकानी शुरू की। अंतत: एक साल पहले कंपनी के दफ्तर में ताला लग गया। कंपनी ने चार साल तक लोगों को कुछ-कुछ पैसा दिया था। छोटे स्कीम साल और दो साल वालों को पैसा भी वापस किया।


 


केस-1

अभनपुर पचेड़ा के संतराम यदु एक रिश्तेदार के माध्यम से कंपनी से जुड़े। 2009 में उन्होंने 5 लाख 79 हजार 980 रुपए जमा किया। उन्हें हर माह 10 हजार का ब्याज मिलना था। कंपनी ने दो माह तक ब्याज दिया। उसके बाद बंद कर दिया।


 


जब मैनेजर से संपर्क किया गया तो उन्होंने देने का आश्वासन दिया। उसके बाद से वे लगातार चक्कर लगाते रहे लेकिन ब्याज तो दूर मूलधन भी नहीं मिला।




केस-2

अभनपुर के जयराम यादव ने 2012 में कंपनी में 9 लाख का एफडी कराया। उन्हें हर माह 15 हजार 300 रुपए दिया जा रहा था। दो साल तक उनके खाते में पैसा आता रहा। फिर बंद हो गया।


 


उन्हें साढ़े पांच साल में 18 लाख रुपए कंपनी ने देने का वादा किया था। अचानक पैसा देना बंद कर दिया गया, जब वे कंपनी के दफ्तर गए तो वहां ताला लगा था। अब उनके सामने सच्चाई आई।


 


राजेंद्रनगर में एक और फ्राड कंपनी

राजेन्द्र नगर पुलिस ने बुधवार को गोल्ड और जमीन पर निवेश के नाम पर 8 करोड़ की ठगी करने वाले फिचर गोल्ड कंपनी पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। 2011 में लालपुर प्रोग्रेसिव पॉइंट में कंपनी ने दफ्तर खोला।


 


पांच साल में दोगुनी रकम या जमीन देने का झांसा देकर निवेश के लिए प्रेरित किया गया। अभी तक पता चला है कि कंपनी में पांच सौ से ज्यादा लोगों ने निवेश किया है। 2013 में कंपनी का दफ्तर बंद हो चुका है।


 


मध्यप्रदेश के दिनेश सिंह भादोरिया कंपनी में सीएमडी, सत्येंद्र सिंह एमडी, धीरेंद्र सिंह कुशवाहा डायरेक्टर, पुष्पेंद्र सिंह राठौर, हितेंद्र राठौर, अरविंद सिंह डायरेक्टर सदस्य हैं। सभी दो साल से फरार है।




पुलिस ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज करवाने वाले गनौद निवासी देवनारायण साहू ने कंपनी में 25 हजार सालाना जमा किया था। उन्हें एक साल बाद ब्याज सहित 35 हजार मिला था।


 


लेकिन जब पैसा देने की बारी आई तो कंपनी भाग निकली। कंपनी का छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश, बिहार और झारखंड में शाखाएं है।


 


थाने पहुंचे आधा दर्जन लोग

यूवर लाइट कॉन इन्फ्रास्ट्रक्चर चिटफंड कंपनी के खिलाफ पाटन, गरियाबंद और अभनपुर से अाधा दर्जन पीड़ित सामने आए है, जिन्होंने अपना और कुछ रिश्तेदारों का पैसा कंपनी में लगाया है।


 


पुलिस ने उनकी भी शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार कंपनी के डायरेक्टर विपल कुमार डे को बालोद पुलिस ने पहले की गिरफ्तार कर लिया है। वह बालोद जेल में बंद है।


 



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  • 22 January, 2016
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