प्रदेश भाजपा की ओर से रविवार को धर्मतला के विक्टोरिया हाउस के पास आयोजित उत्थान दिवस की रैली को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने तृणमूल कांग्रेस व राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला।
रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता ने बड़ी उम्मीद से 2011 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को चुना था, लेकिन जनता के साथ धोखा हुआ। शाह ने कहा कि ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद बंगाल पिछड़ता गया। तृणमूल कांग्रेस ने राज्य को बर्बाद करके रख दिया। आक्रामक रूप धारण करते हुए उन्होंने कहा कि मैं बंगाल से तृणमूल कांग्रेस को उखाड़ने आया हूं। उन्होंने कहा कि ममता के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही उनके तेवर बदल गए।
शाह ने ममता पर सारदा चिटफंड घोटाले में पकड़े गए तृणमूल कांग्रेस के सांसदों का बचाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल उछाला कि आखिर ममता चिटफंट के दोषियों को क्यों बचा रही हैं? सिंगुर में 12 सौ किसानों की जमीन ली गई थी, तब ममता आमरण अनशन पर बैठ गई थीं और शारदा चिटफंड घोटाले में 17 लाख लोगों की राशि डूब गई, लेकिन ममता चुप हैं। शाह ने कहा कि पहले आरोप लगता था, अब साबित हो गया है कि शारदा चिटफंट घोटाले में तृणमूल के सांसद शामिल हैं और ममता सीबीआइ पर उनके सांसदों को फंसाने का आरोप लगा रही हैं। उन्होंने कहा कि ममता में अगर हिम्मत है तो कह दें कि सीबीआइ ने जिन्हें पकड़ा है वह निर्दोष हैं।
शाह ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री दो अक्तूबर को बर्दवान में हुए बम धमाके के आरोपियों को बचा रही हैं। बर्दवान धमाके में मारा गया शकील अहमद पहले भी बम धमाके में फंसा था। उन्होंने सवाल किया कि जिस मकान में धमाका हुआ, उसके मालिक नूरुल हसन चौधरी कौन थे? ममता बर्दवान बम धमाके की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजंसी को क्यों नहीं सहयोग कर रही है? शाह ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कि वह बांग्लादेश से भारत आ रहे घुसपैठियों को शह देना बंद करें। शाह ने ममता बनर्जी से अपील करते हुए कहा कि वोट बैंक की खातिर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ न करें। बांग्लादेशी घुसपैठियों को शरण ने दें। उन्होंने कहा कि सीबाआइ जांच के दौरान पता चला है कि शारदा चिटफंड के पैसे से बर्दवान में धमाका कराया गया।
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा समझदार युवा, मेहनती युवा बंगाल में हैं। यहां सब कुछ है, बस नेतृत्व की कमी है। बंगाल की जनता ने ममता को नेतृत्व दिया था, लेकिन इसमें वह विफल हो गईं। उन्होंने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र हमने जीता, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में जारी चुनाव भी भाजपा जीतेगी। दिल्ली और बिहार में भी भाजपा की सरकार बनेगी, लेकिन इन सब विजयों का तब तक कोई मतलब नहीं जब तक पश्चिम बंगाल में हमारी सरकार न बने। बंगाल में भगवा लहराएगा तभी सही मायने में पार्टी विजयी होगी।
अमित शाह रैली की इजाजत नहीं दिए जाने पर भी ममता पर खूब बरसे। हमारी जनसभाओं को सरकार रोकने का प्रयास कर रही है। जनसभाओं को किसी भी कीमत पर नहीं रोका जा सकता। बताते चलें कि इस रैली में शाह को सुनने लिए काफी संख्या में लोग आए थे। इससे पहले ममता सरकार ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को कोलकाता रैली की इजाजत नहीं दी थी। इस रैली को लेकर खूब विवाद हुआ था। कानूनी जद्दोजहद के बाद अंतत: जीत भाजपा की हुई। भाजपा ने कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने कोलकाता में रैली की इजाजत दे दी। अपने संबोधिन के दौरान उन्होंने 2015 में होने वाले कोलकाता नगर निगम और 2016 में होने वाले विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी से टक्कर लेने की तैयारी का बिगुल फूंका।
उन्होंने कहा कि ‘दीदी’ सभा की अनुमति नहीं देना चाहती थी। उन्होंने मंच भी छोटा करवा दिया। दीदी, आप मंच तो छोटा करवा सकती हो, लेकिन बंगाल के लोगों के दिल से भाजपा को नहीं निकाल सकती। रैली में उमड़ी भीड़ से यह पता चलता है कि ममता की उलटी गिनती शुरू हो गई है। रैली को प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष राहुल सिन्हा, पूर्व अध्यक्ष तथागत राय, सांसद बाबुल सुप्रियो व एसएस अहलुवालिया, राज्यसभा सदस्य चंदन मित्र, विधायक श्रमिक भट््टाचार्य और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थनाथ सिंह ने भी संबोधित किया।