महाराष्ट्र से परिचालन करने वाली चिटफंड कंपनियां राज्य सरकार की जांच के दायरे में आ गई है और प्रदेश सरकार इनमें से संदिग्ध संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रही है ताकि निवेशकों से ठगे गये धन की वसूली की जा सके। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सेबी के अधिकारियों, प्रवर्तन निदेशालय एवं पुलिस के अधिकारियों की एक बैठक बुलायी ताकि इस बारे में अंतिम फैसला किया जा सके। नौ जून को भाजपा सांसद किरीट सोमैया ने प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड और प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के समक्ष इस मामले में 162 कंपनियों की सूची पेश की थी।
कंपनियों की सूची पेश किये जाने के बाद राज्य सरकार की कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर गृह राज्य मंत्री (शहरी) रंजीत पाटिल ने कहा, ‘‘राज्य सरकार ऐसी चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है और इसलिए मुख्यमंत्री ने अगले सप्ताह एक बैठक बुलाई है।’’ सोमैया ने दावा किया था कि फर्जी चिटफंड कंपनियों ने राज्य में निवेशकों 40 हजार करोड़़ रुपये ठगे थे। सोमैया द्वारा सूची सौंपे जाने के बाद फड़णवीस ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को इस मामले की जांच करने को कहा था। पाटिल ने कहा कि हमारे समक्ष छोटे निवेशकों के निवेश की भारी राशि को वसूलना बड़ी चुनौती है। मुख्यमंत्री निवेशकों के पक्ष में है और फर्जी कंपनियों पर कार्रवाई के पक्ष में हैं।