कोलकाता। चिटफंड घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रोजवैली कंपनी के 296 करोड़ रुपये गुरुवार को जब्त कर लिए। मामले की जांच में ईडी की यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। गत सितंबर माह में ईडी ने रोजवैली के करीब 2,630 बैंक खातों को सीज किया था। ये खाते पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, दिल्ली, असम व त्रिपुरा में थे।
सूत्रों के अनुसार, खातों में कुल 296 करोड़ रुपये होने का पता चला है। रोजवैली ने खाता बचाने के लिए हाई कोर्ट की शरण ली थी, लेकिन मंगलवार को उसे कोर्ट में भी निराशा हाथ लगी। इसके बाद गुरुवार को ईडी ने बैंक खातों में मिले रुपयों को जब्त कर लिया। रोजवैली को सारधा से बड़ी चिटफंड कंपनी माना जा रहा है। ईडी धन शोधन रोकथाम कानून के तहत कंपनी द्वारा काले धन को सफेद में बदलने के आरोपों की जांच कर रहा है।
रोजवैली पर निवेशकों को प्रलोभन देकर गलत तरीके से बाजार से हॉलीडे-मेंबरशिप प्लान के तहत करीब 15 हजार करोड़ रुपये वसूलने का आरोप है। इसके अलावा बाजार नियामक सेबी की इजाजत के बिना कंपनी ने 2011 से 2013 के बीच अवैध तरीके से धन जुटाया। ईडी दिसंबर तक संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया पूरी कर लेना चाहता है।
मदन ने सीबीआई से मांगा समय
सारधा चिटफंड घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा पूछताछ के लिए तलब किए जाने के बाद अस्पताल में भर्ती तृणमूल नेता व राज्य के खेल और परिवहन मंत्री मदन मित्रा ने सीबीआई को फोन कर और समय मांगा। मित्रा को बुधवार को एसएसकेएम अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी।