Action on the station president of non-banking swindle
Admin | 16 September, 2015 | 1091 | 3980
पटना: नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनी (एनबीएफसी) के जरिये ठगी करनेवाली कंपनियों पर शिकंजा कसने के लिए अब थाना प्रभारियों को जिम्मेदार बनाया गया है. राज्य के किसी भी इलाके में नॉन बैंकिंग कंपनी द्वारा ठगी किये जाने पर इसके लिए स्थानीय थानेदार को जिम्मेदार मानते हुए उस पर कार्रवाई की जायेगी.
थानाध्यक्षों को यह अधिकार दिया गया है कि वे बिना शिकायत भी किसी नॉन बैंकिंग कंपनी की जांच कर सकेंगे और दोषी पाये जाने पर उसके खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज करा सकेंगे.
आरबीआइ क्षेत्रीय कार्यालय में हुई स्टेट लेवल कोऑर्डिनेशन कमेटी (एसएलसीसी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया. राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में आरबीआइ के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार वर्मा, गृह सचिव सुधीर कुमार राकेश, वित्त सचिव रवि मित्तल, कंपनी ऑफ रजिस्ट्रार के अजय कुमार चौधरी, इओयू के शंकर झा सहित सेबी, इरडा, आइसीए व नेशनल हाउसिंग बैंक के अधिकारी मौजूद रहे.
मनी लैंडर्स एक्ट से मुक्त होगी रजिस्टर्ड नॉन बैंकिंग कंपनी : श्री वर्मा ने बताया कि आरबीआइ से रजिस्टर्ड 22 नॉन बैंकिंग कंपनी को मनी लैंडर्स एक्ट से मुक्त रखने का निर्णय लिया गया है. यह बाजार दर के मुताबिक चार्ज कर सकेंगी. इसके अलावा निर्धारित से अधिक दर वसूलने वाली माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर कार्रवाई होगी.