Action chit fund companies, please forgive us
Admin | 12 October, 2015 | 770 | 3980
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शहर के थानेदारों को भी दिया ज्ञापन, कहां हम प्रयास करेंगे सब का पैसा वापस हो जाए
रायगढ़: ग्राहकों को मेच्योरिटी के बाद भी निजी कंपनियों द्वारा पेमेंट नहीं किए जाने से परेशान छग अभिकर्ता संघ के सदस्यों ने शनिवार को एसपी डॉ. संजीव शुक्ला और शहर के थानेदारों से मिलकर सांई प्रसाद, पल्स इंडिया सहित अन्य कंपनियों के खिलाफ शिकायत की। साथ ही उन्होंने पुलिस से निवेदन किया है कि उन्हें आरोपी न बनाए जाएं।
कंपनियों के सीईओ आदि को ही आरोपी बनाकर कार्रवाई करें। वहीं उन्होंने ग्राहकों का पैसे लौटाने में सहयोग करने की बात कही। शहर में सांई प्रसाद सहित दर्जनों कंपनियों द्वारा रकम निवेश करने का कारोबार किया जा रहा है। वर्षों से जारी इस कारोबार में जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के सैकड़ों लोग अभिकर्ता के रूप में जुड़े हैं। पिछले कुछ महीनों से सांई प्रसाद सहित अन्य कंपनियों द्वारा निवेशकों की मेच्योरिटी डेट हो जाने के बाद भी उन्हें रकम का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इससे निवेशक परेशान हैं। वह अभिकर्ताओं से इस संबंध में कहते हैं। जबकि अभिकर्ताओं की बात पर कंपनी कोई ध्यान नहीं दे रही है। वहीं कई निवेशकों ने इसकी शिकायत पुलिस में की है। जहां कंपनियों के संचालकों के साथ उनके कर्मचारियों को भी सह आरोपी बनाया जा रहा है। यह मामला पूरे प्रदेश स्तर पर चल रहा है। लिहाजा प्रदेश के हर जिले में छग अभिकर्ता संघ के पदाधिकारी एसपी व कलेक्टर से मिलकर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने और भविष्य में कंपनी के बंद होने पर अभिकर्ताओं को आरोपी नहीं बनाने की मांग की। साथ ही उन्होंने निवेशकों का पैसे लौटाने और पुलिस को जांच में सहयोग करने की बात कही है। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभिकर्ता भले ही आरोपी नहीं बनाने की मांग कर रहे हो मगर निवेशकों ने इन्हें ही देख कर और इनके ही झांसे में आकर कंपनियों में अपनी गाढ़ी कमाई को लगाया। ऐसे में कानून के मुताबिक सह आरोपी तक बनेंगे ही।
चिटफंड कंपनियों के खिलाफ थानेदार से शिकायत करते छग बीमा अिभकर्ता संघ के सदस्य।

रायगढ़: ग्राहकों को मेच्योरिटी के बाद भी निजी कंपनियों द्वारा पेमेंट नहीं किए जाने से परेशान छग अभिकर्ता संघ के सदस्यों ने शनिवार को एसपी डॉ. संजीव शुक्ला और शहर के थानेदारों से मिलकर सांई प्रसाद, पल्स इंडिया सहित अन्य कंपनियों के खिलाफ शिकायत की। साथ ही उन्होंने पुलिस से निवेदन किया है कि उन्हें आरोपी न बनाए जाएं।
कंपनियों के सीईओ आदि को ही आरोपी बनाकर कार्रवाई करें। वहीं उन्होंने ग्राहकों का पैसे लौटाने में सहयोग करने की बात कही। शहर में सांई प्रसाद सहित दर्जनों कंपनियों द्वारा रकम निवेश करने का कारोबार किया जा रहा है। वर्षों से जारी इस कारोबार में जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के सैकड़ों लोग अभिकर्ता के रूप में जुड़े हैं। पिछले कुछ महीनों से सांई प्रसाद सहित अन्य कंपनियों द्वारा निवेशकों की मेच्योरिटी डेट हो जाने के बाद भी उन्हें रकम का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इससे निवेशक परेशान हैं। वह अभिकर्ताओं से इस संबंध में कहते हैं। जबकि अभिकर्ताओं की बात पर कंपनी कोई ध्यान नहीं दे रही है। वहीं कई निवेशकों ने इसकी शिकायत पुलिस में की है। जहां कंपनियों के संचालकों के साथ उनके कर्मचारियों को भी सह आरोपी बनाया जा रहा है। यह मामला पूरे प्रदेश स्तर पर चल रहा है। लिहाजा प्रदेश के हर जिले में छग अभिकर्ता संघ के पदाधिकारी एसपी व कलेक्टर से मिलकर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने और भविष्य में कंपनी के बंद होने पर अभिकर्ताओं को आरोपी नहीं बनाने की मांग की। साथ ही उन्होंने निवेशकों का पैसे लौटाने और पुलिस को जांच में सहयोग करने की बात कही है। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभिकर्ता भले ही आरोपी नहीं बनाने की मांग कर रहे हो मगर निवेशकों ने इन्हें ही देख कर और इनके ही झांसे में आकर कंपनियों में अपनी गाढ़ी कमाई को लगाया। ऐसे में कानून के मुताबिक सह आरोपी तक बनेंगे ही।
चिटफंड कंपनियों के खिलाफ थानेदार से शिकायत करते छग बीमा अिभकर्ता संघ के सदस्य।