ग्वालियर: जिले में 89 चिटफंड कंपनियों का अवैध कारोबार बेधड़क चल रहा था जिनके ऊपर बाद में केस दर्ज किए गए। लेकिन अभी तक इनमें से सिर्फ 8 चिटफंड कंपनियों की विवेचना पूरी करके पुलिस कोर्ट में चालान पेश कर पाई है। शेष 81 चिटफंड कंपनियों के अवैध कारोबार तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है। शनिवार को चिटफंड कंपनियों के खिलाफ हुई कार्रवाई की समीक्षा बैठक में यह तथ्य निकलकर सामने आया। कलेक्टर डॉ.संजय गोयल ने पुलिस को शेष चिटफंड कंपनियों की पड़ताल पूरी कर कोर्ट में चालान पेश करने के निर्देश दिए।
चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई करने को लेकर शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में कलेक्टर, एसपी सहित तमाम पुलिस-प्रशासन के अधिकारी एकजुट हुए थे। दरअसल एक दिन पहले लोक अभियोजक जगदीश शर्मा ने एसपी को पत्र लिखकर पुलिस की लापरवाही की ओर ध्यान दिलाया था। उन्होंने बताया कि पुलिस की लापरवाही के कारण कोर्ट में केस डायरी पेश नहीं हो पा रही हैं। गवाहों की गवाही के लिए वारंट तामील नहीं हो पा रहे हैं। पिछले डेढ साल से चिटफंड कंपनियों की ट्रायल कोर्ट में थम गई है। इस पत्र के बाद ही पुलिस-प्रशासन जागा और उन्होंने शनिवार को इस संबंध में बैठक बुलाई।
बैठक में मालूम चला कि जिले में 89 चिटफंड कंपनियों पर मामले दर्ज हुए थे। लेकिन अधिकतर की विवेचना ही पूरी नहीं हो पाई है। कलेक्टर ने कहा कि इनके खिलाफ जिले में चल रही जांचें किसी भी स्तर पर लंबित न रहे। जांच का काम जल्द से जल्द पूरा कर संबंधित चिटफंड कंपनियों के मालिकों व संचालकों के खिलाफ न्यायालय में पुख्ता साक्ष्यों के साथ चालान प्रस्तुत करें।
दूसरे राज्यों की पुलिस को दें जानकारी
कलेक्टर ने कहा कि चिटफंड कारोबारी किसी भी हालत में पुलिस की गिरफ्त से दूर नहीं जाने चाहिए। इसलिए जरूरी है कि चिटफंड कारोबारियों के नाम दूसरे राज्यों की पुलिस को दें, इसके साथ ही पासपोर्ट ऑफिस में भी उनके नाम व फोटो उपलब्ध करा दें। जिससे वे किसी भी सूरत में राज्य या देश से बाहर भागने की प्लानिंग न कर सकें।
कुर्क संपत्ति पर न हो अतिक्रमण
बैठक में बताया गया कि जिन चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क की गई हैं, उन पर अतिक्रमण हो रहा है। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि कुर्क संपत्ति को नुकसान पहुंचाने अथवा उस पर अतिक्रमण की कोशिश करें तो उनके खिलाफ कोर्ट अवमानना तथा आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाए।
कोर्ट कमिश्नर दिलाएंगे निवेश की राशि वापस
जिले में काम करने वाली तीन चिटफंड कंपनियों में जमा राशि कोर्ट कमिश्नर की देखरेख में निवेशकों को वापस की जा रही है। जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में स्थित मीडिएशन कक्ष में कोर्ट कमिश्नर ओपी शर्मा से संपर्क किया जा सकता है। निवेशकों को जमा की गई राशि से संबंधित मूल पॉलिसी, जमा की गई राशि की रसीदें, पहचान पत्र आदि दस्तावेज साथ में लाने होंगे। बैठक में बताया गया कि परिवार डेयरी के 19 हजार, सन इंडिया के 479 और सक्षम डेयरी के दो निवेशकों के बारे में पता चला है।