बस्तर की भोली-भाली जनता को पैसे दोगुना करवाने का सब्जबाग दिखाकर कई चिटफंड कंपनियां यहां के गरीबों के करीब 100 करोड़ रूपए लेकर फरार हो गई हैं जबकि संबाग में ये आंकड़ा 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का है। इन कंपनियों के संबंध में पूरी जानकारी न तो जिला प्रशासन के पास है और न ही इनमें पैसे निवेश करने वाले लोगों को। एक जानकारी के मुताबिक चिटफंड कंपनी के शिकार होने वाले लोगों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं, बस्तर जिले में 7 हजार से ज्यादा लोगों के ठगे गए हैं। यही नहीं सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि इन फर्जी कंपनियों का पूरा ध्यान उन स्थानों पर था जहां बड़े उद्योग लगने वाले थे। खास तौर पर इन कंपनियों ने अपना जाल उन स्थानों पर फैलाया जहां गरीब किसानों को अपनी जमीनों के मुआवजे के तौर पर बड़ी रकम मिलनी थी। इन इलाकों में सबसे ज्यादा इन्वेस्टमेंट कंपनियों ने करवाया है।
जगदलपुर में 15 सौ लोग हुए शिकार: अलग-अलग चिठफंड कंपनियों में निवेश करने वालों में अच्छी खासी तादाद शहर के लोगों की भी है। अकेले जगदलपुर शहर से ही करीब 15 सौ लोगों को ठगा गया है। औसत यहां प्रति व्यक्ति 40 हजार रूपए की ठगी की गई है।
नगरनार और लोहांडीगुड़ा में चार हजार से ज्यादा लोग : नगरनार और लोहाडीगुड़ा इलाके में अलग-अलग उद्योगों के लगने की खबरों के बाद ही यहां जमीन के दाम आसमान पर पहुंच गए थे। इसके बाद यहां बड़ी मात्रा में जमीनों की खरीदी बिक्री हुई थी। इसके अलावा इन स्थानों पर जमीनों का मुआवजा भी लोगों को मिला था। चिटफंड कंपनियों ने इसी का फायदा उठाते हुए यहां के लोगों को निशाना बनाया। अकेले नगरनार इलाके में इन कंपनियों ने 12 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है। यहां करीब 2000 से ज्यादा लोगों को ठगे जाने की जानकारी सामने आई है। इनमें से सैकड़ों लोंगों ने अलग-अलग माध्यमों में लिखित शिकायत की है। लोहांडीगुड़ा इलाके में भी करीब 22 सौ लोगों से इतनी ही रकम ठगे जाने का अंदेशा है। सबसे ज्यादा ठगी की शिकायत इसी इलाके से आई है।
पुलिस ने बंद करवाई थी कई दुकानें: इलाके में खुलेआम लूट करने वाली चिटफंड कंपनियों पर सबसे पहले जिला पुलिस ने ही कार्रवाई शुरू की थी। शहर में चल रहे आधा दर्जन से ज्याद फर्जी चिठफंड कंपनियों की दुकानों को पुलिस ने ही सील किया था।
दस हजार से दस लाख रूपए तक ठगे
चिटफंड कंपनियों के लोगों ने बस्तर में दस हजार से लेकर दस लाख रूपए तक का इन्वेस्टमेंट करवाया है। इन कंपनियों में इन्वेस्ट करने वालों में मध्यम वर्गीय परिवार के सदस्यों की संख्या ज्यादा है। मध्यम वर्गीय परिवार के लोगों के दस हजार से लेकर दो लाख रूपए तक डूब गए हैं। नगरनार और जगदलपुर के कुछ लोगों के तो दस-दस लाख रूपए से ज्यादा फर्जी कंपनियां लेकर रफूचक्कर हाे गई हैं।
हमारे पास बोरे भरकर आए हैं आवेदन, कहा आप ने
इधर आम आदमी पार्टी ने भी इलाके में चिटफंड कंपनियों से ठगे जाने वाले लोगों की शिकायत लेने की शुरूआत की है। अब तक सात हजार से ज्यादा आवेदन आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता जमा कर चुके हैं। आप पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रोहित सिंह आर्य ने बताया कि चिटफंड कंपिनियों से ठगी का शिकार हुए लोगों के बोरे भरकर अावेदन आए है। इन्हें जिला प्रशासन को सौंपकर लोगों के डूबे पैसे वापस दिलवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।