शहर में संचालित चिट फंड कंपनी जीवन सरल इन्फ्रा एंड प्रॉपर्टीज लिमिटेड कंपनी सेवी की चपेट में आ चुकी है। सेवी द्वारा इस चिट फंड कंपनी की विधिवत जांच में एक बड़े फर्जीवाड़े की पुष्टि की है। गंभीर अनियमितता की जांच रिपोर्ट केन्द्र सरकार व संबंधित विभाग को कार्रवाई के लिए सौंपी है। रिपोर्ट के आधार पर करीब 36 हजार लोगों से 40.32 करोड़ बैकिंग के नाम पर वसूले गए है। कंपनी को आरडी (RD) या एफडी (FD) करने की अनुमति नहीं थी। बावजूद लोगों से RD, FD के नाम पर ज्यादा ब्याज का प्रलोभन देकर राशि जमा कराई। यह राशि कंपनी के 9 एजेंटों ने वसूली। सेवी द्वारा जांच रिपोर्ट में किस एजेंट द्वारा कितनी राशि जमा कराई गई है। जिसका स्पष्ट उल्लेख किया गया है। सूत्रों की मानें तो कंपनी के खिलाफ जल्द ही बड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। इधर, जांच रिपोर्ट की जानकारी होने के बाद कंपनी के डायरेक्टर से लेकर अन्य संलिप्त एजेंट फरार होने की फिराक में जुटे हुए है। यदि ऐसी स्थिति आती है तो जिले के लोगों का 40 करोड़ डूब सकता है। जांच रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस चिटफंड कंपनी का कार्यालय शहडोल एवं सिंगरौली में भी संचालित है। इन कार्यालओं में भी कई एजेंटो के माध्यम से करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया गया है।
एजेंट से बनें डायरेक्टर
जीवन सरल चिट फंड कंपनी के डायरेक्टर अजीत गोश्वामी (Ajit Goshwami) निवासी सीधी दूसरे चिटफंड कंपनियों में एजेंट हुआ करता था। इसके बाद खुद के नाम कंपनी खोल कर डायरेक्टर बन गया। इतना ही नहीं डायरेक्टर बनने से पूर्व इसके द्वारा जिन कंपनियों में लोगों का पैसा जमा कराया वह कंपनी भी भाग चुकी है। इसके कारण कई लोगों का पैसा डूब चुका है। अब स्वयं की संचालित जीवन सरल चिटफंड कंपनी पर सेवी की चपेट में आने के बाद कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
सेवी की रिपोर्ट में किस एजेंट ने कितनी वसूली राशि
एजेंट नंबर-1
डायरेक्टर अजीत गोस्वामी (Ajit Goshwami) ने अपनी कंपनी जीवन सरल में 3.56 करोड़ रुपए आरडी एफडी के नाम से जमा कराया। जांच रिपोर्ट के आधार पर डायरेक्टर अजीत गोस्वामी इससे पूर्व में एचबीएन डेयरीज एंड एलायंज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (HBN Dairies and Allianz Private Limited Company) में सीनियर एजेंट था। जहां इसने 1.56 करोड़ जमा कराया था। यह जीवन सुरभी में भी एजेंटी कर चुका है। इस कंपनी में 56 लाख रुपए जमा कराया। आलम यह है कि चिटफंड कंपनी जीवन सुरभी व एचबीएन डेरीज कलेक्टर की जांच में अनियमितता पर सीज कर दी गई थी। जिसके कारण लोगों का पैसा लगभग डूब चुका है। अब वहीं स्थिति जीवन सरल कंपनी की भी नजर आ रही है।
एजेंट नंबर-2
अरुण कुमार मिश्रा (Arun Kumar Mishra) निवासी स्वामी विवेकानंद वार्ड कंपनी में एजेंट है। इसके द्वारा 1.26 करोड़ जमा कराए गए थे। पूर्व में इसके द्वारा एचबीएन कंपनी में 56 लाख एवं जीवन सुरभ में 60 लाख रुपए जमा कराए गए है।