3.5 crore fled the chit fund company
Admin | 12 October, 2015 | 944 | 3980
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टीआई एमएस परमार के अनुसार डायरेक्टर राघवेंद्र सिंह नरवरिया व उसकी प|ी गेंदाबाई निवासी बलवंत नगर ग्वालियर, मैनेजमेंट सीईओ केदार नागर निवासी ग्राम पान्दा जिला राजगढ़, रविश कुमार नरवरिया व सुरेंद्र सिंह नरवरिया निवासी ग्वालियर, रामदयाल सेन निवासी ग्राम तोहरनिया (सीहोर), घनश्याम पाटीदार निवासी करनवास (राजगढ़), दयानंद नरवरिया निवासी जेतपुरा (आगरा), संदीप पाटीदार निवासी ग्राम पनवाड़ी (शाजापुर), अमर सिंह चौधरी निवासी ग्वालियर, नरेंद्र राठौर निवासी ग्राम नीमा चौहान (राजगढ़) आैर राजेंद्र राय के खिलाफ धारा 420, 406, 34 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया है।
उज्जैन: शहर सहित जिले में एक हजार से अधिक लोगों के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी कर एक चिटफंड कंपनी के पदाधिकारी दफ्तर बंद कर फरार हो गए। पॉलिसी देने के नाम पर एक ही टीम के बनाए गए करीब 800 सदस्यों से 3.5 करोड़ रुपए जमा करवा लिए गए लेकिन पॉलिसी मैच्योर होने पर जब भुगतान की बारी आई तो कंपनी के पदाधिकारी आनाकानी करने लगे। शनिवार को माकड़ौन के लगभग एक दर्जन लोगों ने उज्जैन आकर पुलिस को शिकायत की तब कंपनी के 12 पदाधिकारियों पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया।
माकड़ौन के ललित पाटीदार, प्रमोद बड़िया, योगेंद्र चौहान, राजेंद्र वर्मा, नरेंद्र चावड़ा, दिलीप पंवार, गोविंद पाटीदार सहित 10 लोगों ने शनिवार दोपहर एसपी मनोहर वर्मा को शिकायत की। ललित पाटीदार ने बताया फ्रीगंज के मनी ट्रेड सेंटर में चिटफंड कंपनी बीएनपी इंश्योरेंस एंड इंवेस्टमेंट्स सर्विस इंडिया लिमिटेड का कार्यालय था। इसका मुख्य कार्यालय ग्वालियर में है। कंपनी में ललित पाटीदार टीम लीडर बने थे आैर उनके अंडर में 20 लोगों की टीम ने माकड़ौन, कड़ोदिया, बरोठिया आैर शाजापुर के दुपाड़ा के करीब 800 लोगों को सदस्य बनाया था। सदस्यों से 100 से 300 रुपए प्रतिदिन पॉलिसी के नाम पर कलेक्शन कर रुपये कंपनी के खाते में जमा किए जाते थे। 300 रुपए प्रतिमाह जमा करने वाले को पांच वर्ष बाद 25500 रुपए देने का कंपनी ने प्रलोभन दिया। ललित के अंडर में बनी टीम से ही 800 सदस्यों ने वर्ष 2008 से अब तक करीब 3.5 करोड़ रुपए जमा किए। जिसके आधार पर कंपनी को मूलधन सहित 5.5 करोड़ रुपए देना है लेकिन कंपनी के बैंक खाते बंद हो चुके है और फ्रीगंज के दफ्तर में भी कंपनी के पदाधिकारी ताले डालकर चंपत हो गए।
दो कर चुके हैं आत्महत्या का प्रयास: पाटीदार ने बताया माकड़ौन के दो सदस्य प्रमोद बड़िया आैर योगेंद्र चौहान आत्महत्या के प्रयास कर चुके हैं। उज्जैन के अलावा अन्य जिलों में भी कंपनी ने इसी तरह लोगों को सदस्य बनाकर करोड़ों रुपए की ठगी की है।
चिटफंड कंपनी के मामले में शिकायत के आधार पर कंपनी के पदाधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया है। जल्द ही उन्हें पुलिस गिरफ्तार करेगी। मनोहर सिंह वर्मा, एसपी
उज्जैन: शहर सहित जिले में एक हजार से अधिक लोगों के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी कर एक चिटफंड कंपनी के पदाधिकारी दफ्तर बंद कर फरार हो गए। पॉलिसी देने के नाम पर एक ही टीम के बनाए गए करीब 800 सदस्यों से 3.5 करोड़ रुपए जमा करवा लिए गए लेकिन पॉलिसी मैच्योर होने पर जब भुगतान की बारी आई तो कंपनी के पदाधिकारी आनाकानी करने लगे। शनिवार को माकड़ौन के लगभग एक दर्जन लोगों ने उज्जैन आकर पुलिस को शिकायत की तब कंपनी के 12 पदाधिकारियों पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया।
माकड़ौन के ललित पाटीदार, प्रमोद बड़िया, योगेंद्र चौहान, राजेंद्र वर्मा, नरेंद्र चावड़ा, दिलीप पंवार, गोविंद पाटीदार सहित 10 लोगों ने शनिवार दोपहर एसपी मनोहर वर्मा को शिकायत की। ललित पाटीदार ने बताया फ्रीगंज के मनी ट्रेड सेंटर में चिटफंड कंपनी बीएनपी इंश्योरेंस एंड इंवेस्टमेंट्स सर्विस इंडिया लिमिटेड का कार्यालय था। इसका मुख्य कार्यालय ग्वालियर में है। कंपनी में ललित पाटीदार टीम लीडर बने थे आैर उनके अंडर में 20 लोगों की टीम ने माकड़ौन, कड़ोदिया, बरोठिया आैर शाजापुर के दुपाड़ा के करीब 800 लोगों को सदस्य बनाया था। सदस्यों से 100 से 300 रुपए प्रतिदिन पॉलिसी के नाम पर कलेक्शन कर रुपये कंपनी के खाते में जमा किए जाते थे। 300 रुपए प्रतिमाह जमा करने वाले को पांच वर्ष बाद 25500 रुपए देने का कंपनी ने प्रलोभन दिया। ललित के अंडर में बनी टीम से ही 800 सदस्यों ने वर्ष 2008 से अब तक करीब 3.5 करोड़ रुपए जमा किए। जिसके आधार पर कंपनी को मूलधन सहित 5.5 करोड़ रुपए देना है लेकिन कंपनी के बैंक खाते बंद हो चुके है और फ्रीगंज के दफ्तर में भी कंपनी के पदाधिकारी ताले डालकर चंपत हो गए।
दो कर चुके हैं आत्महत्या का प्रयास: पाटीदार ने बताया माकड़ौन के दो सदस्य प्रमोद बड़िया आैर योगेंद्र चौहान आत्महत्या के प्रयास कर चुके हैं। उज्जैन के अलावा अन्य जिलों में भी कंपनी ने इसी तरह लोगों को सदस्य बनाकर करोड़ों रुपए की ठगी की है।
चिटफंड कंपनी के मामले में शिकायत के आधार पर कंपनी के पदाधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया है। जल्द ही उन्हें पुलिस गिरफ्तार करेगी। मनोहर सिंह वर्मा, एसपी