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18-year investment Continued to Then came the turn of return Over 150 million flee

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रायपुर/भिलाई.एक बार फिर चिटफंड कंपनी द्वारा रुपए डबल करने का झांसा देकर लोगों से ठगी का मामला सामने आया है। ठगी की रकम तकरीबन 150 करोड़ रुपए है। जिसे कंपनी ने मेच्योरिटी होने के बाद भी निवेशकों को नहीं लौटाया। इसका खुलासा एक अप्रैल को हुआ। जब पीड़ितों ने ठगी करने वाली कंपनी की प्रॉपर्टी कुर्क करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट बिलासपुर में याचिका दायर की। भास्कर ने जब पूरे मामले की पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।




इस मामले में 44 लोगों ने याचिका दायर की है, जो रुपए वापस मिलने की आस में सरकारी तंत्र के पास गए। लेकिन वहां पीड़ितों को सहायता तो दूर आश्वासन तक नहीं मिला। इसके बाद ही उन्होंने न्याय के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।




दरअसल हम जिस कंपनी टोगो की बात कर रहे हैं, वह इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) की है। जो 1996 में भिलाई में अपना कारोबार शुरू किया। प्रदेश के अन्य जिलों में भी निवेशकों से रकम वसूले। यह सिलसिला 2014 तक चला। जब निवेशकों के जमा रकम को लौटाने की बारी आई तो कंपनी अपना बोरिया-बिस्तर बांधकर भाग गई।


 


कंपनी ने ऐसे बढ़ाया कारोबार

- कंपनी 1996 से पावर हाउस आरएसएस मार्केट के सेकंड फ्लोर पर चल रही थी।

- दिसंबर 2014 में मिच्योरिटी होने के बाद से किसी भी निवेशक को रकम नहीं मिली।

- भिलाई के बाद यह कंपनी इलाहाबाद के पास शाहगंज लीडर रोड में धड़ल्ले से चल रही है।

- 31 दिसंबर 2015 काे निवेशकों ने पहला कानूनी नोटिस थमाया। जिसका कोई जवाब नहीं मिला।

- रिजनल मैनेजर पी. मजूमदार ने यहां रहते हुए 7 से 9 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी बनाई। इसमें स्मृतिनगर भिलाई में व्यावसायिक कांप्लेक्स, परमालकसा में 3 एकड़ कृषि भूमि, भिलाई-3 में 4 हजार स्क्वेयर फीट जमीन है।

- इन सभी कंपनियों की कुल प्रॉपर्टी तकरीबन 1 हजार करोड़ रुपए के आसपास है।


 




 


एसपी-कलेक्टर को बनाया पार्टी

हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने कुल 21 लोगों को पार्टी बनाया है। इसमें टोगो के डायरेक्टर डॉ. पृथ्वीपाल सिंह सेठी के साथ-साथ छग-यूपी के चीफ सेक्रेटरी, दुर्ग एसपी व कलेक्टर समेत सुपेला थाना प्रभारी व अन्य डायरेक्टरों को याचिकाकर्ताओं ने पार्टी बनाया है।


 


10 हजार से अधिक निवेशक

निवेशकों ने बताया कि 1996 में यह कंपनी भिलाई आई। जहां पावर हाउस के अारएसएस मार्केट के सेकंड फ्लोर में ब्रांच खोला। भिलाई-दुर्ग, राजनांदगांव व बालोद जिले में ही कंपनी के तकरीबन 10 हजार निवेशक हैं। जिनसे 100 करोड़ वसूले। निवेशकों का दावा है कि, इनका कारोबार 50 करोड़ का है।


 


इन पर भी दायर है याचिका

टोगो स्वास्थ्य एवं जनकल्याण संस्थान, डॉ. पृथ्वी सिंह सेठी, एके मंडल, अजय कुमार सिंह, पी. मजूमदार, पीयूष अग्रवाल, पीके दास, रिटेल मार्केटिंग डायरेक्टर किशन पाल, पेट्रोन मिनरल के डायरेक्टर छोटेलाल शुक्ला, जैग पॉलिमर्स लि. के डायरेक्टर मुकेश कुमार खरे का नाम शामिल है।


 


7 कंपनियों में करवाया निवेश

निवेशकों ने बताया कि, टोगो के डायरेक्टर पृथ्वीपाल सिंह सेठी ने लोगों से मिले रुपए को 7 अलग-अलग कंपनी में इन्वेस्ट किया। उन्हें कहा गया कि, 6-6 साल में रुपए डबल हो जाएंगे। इसलिए उन्होंने अलग-अलग कंपनी के नाम पर निवेशकों को बांड दिया। ये सभी कंपनियों के डायरेक्ट पृथ्वीपाल ही हैं।


 


इस केस से फिर खुली सिस्टम की पोल


दुर्ग जिले में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई मामले सामने आए। जिसमें जिला व पुलिस प्रशासन बैकफुट पर ही रहा। यश ग्रुप ऑफ कंपनी के डायरेक्टरों की शिकायत 2014 से हो रही थी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। यही हाल, यालको ग्रुप ऑफ कंपनी का भी है।

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  • 08 April, 2016
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