नई दिल्ली: निवेशकों के करोड़ों रुपए न लौटाने के मामले में मार्च महीने से जेल में बंद सुब्रत रॉय की कंपनी सहारा ग्रुप ने मुंबई के उपनगरीय वसई इलाके में 265 एकड़ में फैली एक प्रॉपर्टी 1111 करोड़ रुपए में बेची है। सहारा जमानत के लिए कोर्ट द्वारा तय 30 हजार करोड़ रुपए की रकम जुटाने की कोशिश कर रही है। उधर, कोर्ट ने सहारा की कोशिशों पर नाखुशी जताते हुए टिप्पणी की कि लगता है कि सहारा प्रमुख जेल में मजे में हैं, तभी वे ज्यादा प्रयास नहीं कर रहे।
सहारा की जमीन पर बनेगा टाउनशिप
मुंबई के उपनगरीय इलाकों में हुआ यह जमीन का सबसे बड़ा सौदा माना जा रहा है। जमीन को खरीदने वाली कंपनी साईं रेडान रियलटर्स इस पर टाउनशिप बनाएगी। वहीं, सहारा ग्रुप ने इस डील पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। साईं रेडान रियलटर्स के प्रवक्ता के मुताबिक, जमीन का लैंड यूज फिलहाल कृषि के लिए रजिस्टर्ड है। वे इसके 'गैर कृषि इस्तेमाल' के लिए आवेदन करेंगे। बता दें कि वसई रेलवे स्टेशन से करीब डेढ़ किमी दूर दो गांवों में आने वाली इस प्रॉपर्टी को सहारा ने कभी खुद टाउनशिप बनाने के लिए खरीदी थी।
कोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान शुक्रवार को कहा कि ऐसा लगता है कि सहारा प्रमुख जहां हैं, वहां आराम से हैं। ऐसा नहीं होता तो वे जेल से बाहर निकलने के लिए जमानत राशि की जुगाड़ कर लेते। कोर्ट ने यह टिप्पणी सुब्रत रॉय की ओर से सुझाए गए नए प्रस्तावों पर नाखुशी जाहिर करते हुए की। कोर्ट ने कहा, ''आपने कुछ भी प्रयास नहीं किया है। 30 हजार करोड़ रुपए तो कुछ भी नहीं है। हमने पढ़ा है कि आपके पास 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति है। ऐसे में जमानत राशि का इंतजाम करना मुश्किल नहीं है।'' इस पर सहारा के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल इंडस्ट्री के कैप्टन हैं। वह एक दिन भी जेल में नहीं रहते, अगर ऐसा मुमकिन होता।