नोएडा : नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता यादव सिंह के 13 लॉकरों को सोमवार को खोला जाएगा। बताया जा रहा है कि इन लॉकरों से कई अहम दस्तावेज सामने आ सकते हैं। जानकारी के अनुसार, आयकर विभाग यादव सिंह की 13 लॉकर्स को आज खोलेगा। इसके बाद आयकर विभाग इस केस की जांच रिपोर्ट प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और कॉरपोरेट मंत्रालय को भेजेगा। आयकर विभाग यादव सिंह मामले की नोएडा अशिारिटी में भी जांच करेगा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) यादव सिंह की जांच की जानकारी आयकर से लेगा। बताया जा रहा है कि ईडी को यादव सिंह पर मनी लांड्रिंग में शामिल होने का शक है।
गौरलतब है कि नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता की कंपनी के साझेदारों और एक अन्य कंपनी के यहां पड़े आयकर छापों में बीते दिनों साढ़े दस करोड़ रुपये से अधिक नकद और दो किलो सोने एवं हीरे के आभूषण बरामद हुए। आयकर विभाग के महानिदेशक (जांच) कृष्णा सैनी ने बताया था कि मेकान इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजेन्द्र मनोचा के घर में एक कार की चाभी सोफे में छिपाकर रखी गई थी और कार भी एक पार्क के पास खड़ी की गई थी। जब कार की तलाशी ली गई तो उसकी डिक्की में 10 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए।
सैनी ने बताया कि कुसुमलता के घर पर छापे के दौरान 12 लाख रूपये नकद और दो किलो सोने एवं हीरे के आभूषण बरामद हुए। कुसुमलता मीनू क्रिएशन्स प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक हैं। मीनू क्रिएशन्स के ही एक अन्य निदेशक अनिल पेशावरी के यहां छापे में 44 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। मीनू क्रिएशन्स के परिसर से 12.5 करोड़ रुपये के कपड़ों का स्टाक मिला है और इस स्टाक का लेखाजोखा कहीं नहीं है। छापों के दौरान 14 लॉकर बरामद हुए हैं, जिन्हें सील कर दिया गया है। आयकर विभाग की 20 टीमों ने दोनों कंपनियों के दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में कार्यालय परिसरों और इन कंपनियों के निदेशकों के आवासीय परिसरों पर छापे मारे।
इन कंपनियों पर मुख्य आरोप है कि प्रापर्टी के काम में इन कंपनियों ने कोलकाता से बोगस शेयर होल्डिंग बनाकर 30 से 40 कंपनियों के जरिए नोएडा विकास प्राधिकरण से अपने नाम भूखंड आवंटित कराये और फिर इन कंपनियों के शेयर बेच दिये। इस प्रकार शेयर खरीदने वाले पक्ष को इन कंपनियों के खरीदे भूखंड मिल गये। ये सभी सौदेबाजी पिछले तीन से चार साल के दौरान हुई। नोएडा प्राधिकरण को भी आयकर विभाग पत्र लिखकर भूखंडों के सौदों से जुड़ा ब्यौरा मांगेगा।
उधर, नोएडा प्राधिकरण के मुख्य अभियंता यादव सिंह के परिसरों में आयकर विभाग की ओर से की गई छापेमारी के बाद उन्हें दिए गए सारे अनुबंध रद्द कर दिए गए हैं जबकि 954 करोड़ रुपये के निविदा घोटाले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित कर दी गई। निविदा घोटाले में सिंह को नामजद किया गया था। गौरतलब है कि सिंह के परिसरों में हुई छापेमारी में करोड़ों रूपए की नगद राशि और आभूषण बरामद हुए थे।