राजनांदगांव. क्रेडिट को-आपरेटिव सोसायटी बैंक खोलकर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले मुख्य आरोपी प्रमोद मानिकपुरी पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। इस मामले में दो आरोपी पहले ही जेल की हवा खा रहे हैं। फरार चल रहे मुख्य आरोपी बजरंगपुर नवागांव निवासी प्रमोद मानिकपुरी पिता गुलाब दास को पुलिस ने दुर्ग बस स्टैंड में घेराबंदी कर गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी को पैसे के लेन-देने मामले में पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है।
अधिक ब्याज देने का झंसा
गौरतलब है कि शक्ति नगर राजनांदगांव में आरोपी प्रमोद मानिकपुरी, रिमनदास साहू व हेमराय साहू द्वारा क्रेडिट को-आपरेटिव सोसायटी खोलकर अधिक ब्याज देने का झंसा देकर लोगों से पैसा जमा कराया जाता था। इन लोगों द्वारा भोले-भाले लोगों को ग्राहक बनाकर अपने बैंक में 1500 से लेकर 2000 हजार रुपए वार्षिक, द्विवार्षिक व पंचवर्षीय प्रीमियम जमा कराया गया था लेकिन समय सीमा बीत जाने के बाद भी ग्राहकों का पैसा वापस नहीं किया गया है।
कोतवाली में मामला दर्ज
इस मामले में खुज्जी डोंगरगांव निवासी शिवकुमार पिता आनंद राम देवांगन ने इन लोगों के खिलाफ 25 मई को कोतवाली थाना में मामला दर्ज कराया था। प्रार्थी की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 409, 34 भादवि कायम कर विवेचना में लिया गया है । उक्त प्रकरण में आरोपी रिमन दास एवं हेमराय साहू को 27 मई को गिरफ्तार कर रिमांड पर जेल भेजा जा चुका है।
खुलासा होने के बाद फरार था आरोपी
एएसपी शशिमोहन सिंह ने बताया कि मामले का खुलासा होने के बाद मुख्य आरोपी प्रमोद मानिकपुरी फरार था। एएसपी ने बताया कि पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली कि आरोपी दुर्ग बस स्टैंड के पास किसी से मिलने आ रहा है। कोतवाली पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने घेराबंदी कर आरोपी को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि आरोपी को धारा 91 जा फौ का नोटिस देकर पूछताछ की जा रही है जिसमेें धोखाधड़ी कर पैसे को कहां-कहां इन्वेस्ट किया है।
नेताओं का मिला था वरदहस्त हासिल
कॉपरेटिव सोसायटी के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने का मुख्य आरोपी प्रमोद मानिकपुरी सत्ताधारी पार्टी की युवा इकाई का सदस्य रहा है और उसे कई नेताओं का वरदहस्त था। उसने जिस सोसायटी के माध्यम से लोगों को ठगने का काम किया है, उस सोसायटी के कार्यालय के उद्घाटन में कई नेताओंं का जमावड़ा लगा था। इस मामले की शिकायत पुलिस में होने के बाद उसे बचाने की कोशिशें भी की गईं लेकिन चिटफंड कंपनियों के खिलाफ राजनांदगांव में कड़ाई से हो रही धरपकड़ के चलते आरोपी को बचाने की कोशिशें विफल हो गईं।