धनबाद : कोयलाचल के भोले भाले लोगों को मुनाफे का सब्जबाग दिखाकर लाखों की चपत लगाने वाली कोलकाता की नन-बैंकिंग कंपनी आर्यन फूड इंडस्ट्रीयल लिमिटेड (कैफिल) के डायरेक्टर गणेश चंद्र कुंभकार को बुधवार को अदालत ने सजा सुनाई। धनबाद के अवर न्यायाधीश एके दुबे की अदालत ने जीआर केस नंबर 3281/14 में सुनवाई पूरी करते हुए आरोपी डायरेक्टर को तीन वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। कुंभकार बीते दो वर्ष से जेल में बंद है।
गोपीनाथपुर निवासी पंकज कुमार शर्मा कैफिल में एजेंट के रूप में काम करते थे। उन्हें कंपनी के अधिकारियों ने कम निवेश पर ज्यादा ब्याज देने का प्रलोभन दिया था। जिसपर पंकज ने करीब 100 लोगों का 45 लाख रुपये कंपनी के विभिन्न योजनाओं में निवेश करवा दिया। पंकज के अलावा एक हजार अन्य एजेंटों ने भी रुपये कंपनी में निवेश करवाया। करीब चार करोड रुपये निवेश होने पर कंपनी निरसा स्थित अपना कार्यालय बंद कर फरार हो गई। कंपनी में काम करने वाले एजेंट भुगतान के लिए भटकते रहे। जिन्हें केवल आश्वासन मिलता रहा। अचानक पंकज और अन्य एजेंटों की मुलाकात निदेशक गणेश से हो गई। उसने कहा कि वह माइग्रा नामक कंपनी से जुड गया है। उसमें निवेश करोगे तो रुपये मिल जाएगा। एजेंटों ने गणेश को पकड़कर 13 जुलाई 2014 को निरसा थाने के हवाले कर दिया था।
पंकज शर्मा की लिखित शिकायत पर निरसा थाना काड संख्या 299/14 दर्ज की गई थी। प्राथमिकी में कंपनी के सीएमडी रोबिन ओझा, विनीता ओझा, डायरेक्टर गणेशचंद्र कुंभकार, अन्नपूर्णा भट्टाचार्या, तापस चटर्जी, पापिया बनर्जी, निरंजन कुमार एवं अजय राय को आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने 10 अक्टूबर 2014 को गणेश के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया था। जबकि अन्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं, जिनके विरुद्ध अनुसंधान अब भी जारी है। 12 फरवरी 2015 को आरोप तय होने के बाद सुनवाई शुरु हुई थी। सहायक लोक अभियोजक बबीता ए. मिंज ने अभियोजन का संचालन करते हुए तीन गवाहों का परीक्षण कराया था।