खेल मंत्रालय ने भारत की बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल के नाम की सिफ़ारिश पद्म भूषण सम्मान के लिए कर दी है.
एक बयान जारी कर खेल मंत्रालय ने कहा कि साल 2014 के पद्म भूषण सम्मान के लिए उन्हें बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया से साइना के नाम की सिफ़ारिश नहीं मिली थी.
मंत्रालय ने कहा कि साइना के नाम की सिफ़ारिश बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने तीन जनवरी 2015 को ही भेजी.
और साइना के भारतीय खेल जगत को दिए शानदार योगदान को देखते हुए स्पेशल केस के तहत उनके नाम की सिफ़ारिश की जाती है.
इससे पहले ओलंपिक पदक विजेता साइना नेहवाल ने पद्म अवॉर्ड के लिए उनको 'नज़रअंदाज़' किए जाने पर नाराज़गी जताई थी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ खेल मंत्रालय ने इस साल मिलने वाले पद्म भूषण अवॉर्ड के लिए साइना की दावेदारी कुछ नियमों का हवाला देते हुए ख़ारिज कर दी थी.
ख़बरों के मुताबिक़ मंत्रालय ने पद्म अवॉर्ड के लिए दो बार के ओलिंपिक पुरस्कार विजेता पहलवान सुशील कुमार को वरीयता देते हुए उनका चयन किया.
2010 में पद्मश्री सम्मान हासिल कर चुकीं साइना ने इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए ट्वीट किया था, "मुझे पता चला है कि खेल मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को स्पेशल केस के तौर पर सुशील कुमार का नाम पद्म भूषण अवॉर्ड के लिए भेजा है."
दिशानिर्देश
उन्होंने कहा, "दिशानिर्देशों के मुताबिक़ दो पद्म अवॉर्ड के बीच में पांच साल का अंतराल होना ज़रूरी है. अगर सुशील कुमार का नाम भेजा जा सकता है तो मेरा क्यों नहीं? मैं पांच साल का अंतराल भी पूरा कर चुकी हूं. मुझे ख़राब लग रहा है."
साइना का कहना था कि पिछले साल उनकी दावेदारी को 'पांच साल का अंतर' होने के नियम के आधार पर ख़ारिज कर दिया गया था.
उन्होंने कहा कि सुशील कुमार को 2011 में पद्म श्री दिया गया था, उन पर भी पांच साल के अंतराल वाला नियम लागू होता है लेकिन उनके नाम की सिफ़ारिश कर दी गई.