रांची : राज्य में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सीबीआइ जांच सुस्त है। पांच माह पूर्व छह मामलों को दर्ज करने के बाद एजेंसी की कार्रवाई झारखंड पुलिस द्वारा दिए गए दस्तावेजों तक ही सीमित हैं। न तो किसी कंपनी के ठिकानों पर दबिश दी गई है और न हीं किसी कंपनी के अधिकारी से किसी तरह की पूछताछ ही की गई है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अब तक बाकी के 95 मामलों में प्राथमिकी नहीं दर्ज की गई है। जबकि पूर्व के मामलों में अभी तक देखा गया है कि प्राथमिकी के एक-दो दिनों के बाद ही एजेंसी आरोपियों के ठिकानों पर छापा मारती है, फिर आरोपियों से पूछताछ होती है। दो माह पूर्व स्थानीय सीबीआइ ने दिल्ली मुख्यालय को संबंधित कंपनियों के ठिकानों पर एक साथ पड़ताल किए जाने को लेकर प्रस्ताव दिया था, लेकिन इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि चिटफंड मामले में झारखंड के हजारों लोगों से करोड़ों की ठगी हुई है। स्थानीय अधिकारी मामले में कुछ भी कहने से इन्कार करते हैं।
बता दें कि झारखंड में जिन कंपनियों के ठिकानों पर सीबीआइ को छापेमारी करनी है उनमें अधिकांश के ठिकानों को स्थानीय पुलिस पहले ही सील कर चुकी है। उन ठिकानों की कोर्ट से आदेश लेकर सीबीआइ को पड़ताल करनी होगी।
कहां पर किन मामलों में हुई प्राथमिकी
- धनबाद स्थित सीबीआइ की एसीबी शाखा में झुमरीतिलैया और देवघर में दर्ज मामले के आधार पर प्राथमिकी
- राची स्थित इओयू शाखा में गोड्डा के महगावा और राजमहल थाने में दर्ज काड संख्या के आधार पर प्राथमिकी
- राची स्थिति भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में जादूगोड़ा और घाटशिला थाने में दर्ज मामले के आधार पर प्राथमिकी
इन कंपनियों के खिलाफ दर्ज हुआ था मामला
अलकेमिस्ट इंफ्रा, सुराहा माइक्रो फाइनास, सनप्लाट एग्रो ग्रुप, प्रयाग इनफोटेक, साई प्रसाद प्रोपर्टीज, फेडरल एग्रो कमर्शियल, गुलशन निर्माण इंडिया, तिरुपति बालाजी, धनोल्टी डेवलपर्स, कोलकाता वीयर, संकप्ल ग्रुप, वीयर्ड इंफ्रा, रुफर्स मार्केटिंग, सनशाइन ग्लोबल एग्रो, रामल इंडस्ट्रीज, इनोमर्स इंडस्ट्रीज, एक्सेल इंफ्रास्ट्रक्चर, गीताजलि उद्योग, एमपीए एग्रो एनीमल, युगातर रियल्टी, एटीएम ग्रुप केयर विजन, मातृभूमि मैन्यूफैक्च¨रग, रोजवैली होटल्स, बर्धमान सुर्माग, अपना परिवार एग्रो और वारिस ग्रुप। बता दें कि अलकेमिस्ट के खिलाफ कार्रवाई पर अभी रोक है।