महासमुंद (ब्यूरो)। नगर में इन दिनों बीसी(बिजनेस सर्कल) खेलने और खेलाने का सिलसिला जोरों पर है। बिना लिखा-पढ़ी और केवल भरोसे के इस अवैधानिक खेल में नगर के सैकड़ों लोगों के लाखों रुपए जाम है। बीसी खेल का संचालन करने वाले या तो लोगों का रुपए लेकर शहर से गायब हो गए हैं, या रहते हुए भी रुपए वापसी करने में आनाकानी कर रहे हैं। हालात यह है कि बाजार कारोबारियों का एक गु्रप बाजार के ही एक व्यक्ति के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने का मन बना चुके हैं।
क्या है बीसी
दरअसल यह बीसी खेल 10-12 से अधिक लोगों में होता है। आपस में ये लोग एक निश्चित रकम हर निश्चित तारीख पर जमा करते हैं। यहां इस जमा राशि की बोली लगाई जाती है और ऊंचे बोलीदार को यह राशि ब्याज काटकर दे दी जाती है। ब्याज का हिस्सा सभी सदस्यों में बांट दिया जाता है। बीसी खेल संचालित करने वाले को बिना ब्याज के ही पूरी राशि दी जाती है, ताकि किसी के पैसे डूबने की स्थिति में रिकवरी की जिम्मेदारी उसकी हो। चूंकि कारोबारियों को कारोबार बढ़ाने के लिए आए दिन पैसे की जरूरत रहती है। बार-बार बैंक का चक्कर लगाने से बचने के लिए कारोबारी अपनी पूंजी लगाकर इस तरह का खेल खेलते हैं। इससे सामूहिक पैसे का उपयोग जरूरतमंद कारोबारी कर लेता है। साथ ही उसे कम ब्याज में पैसे भी मिल जाते हैं। लिहाजा ज्यादातर कारोबारी इस खेल में पैसा लगाएं हुए हैं।
अवैधाविक और नियम विरुद्ध
कानून के जानकारों की मानें तो यह खेल अवैधाविक और नियम विरुद्ध है। एक कारोबारी की माने तो शहर में एक दर्जन लोग इस तरह से बीसी खेल का संचालन करते हैं। कारोबारी ने यह भी बताया कि पैसे की रिकवरी समय पर नहीं होने के कारण शहर के कारोबारियों का 70 से 80 लाख रुपए जाम है।
कुछ कारोबारी पैसे लेकर हो गए गायब
जानकारी के अनुसार पुरानी मंडी रोड के स्टेशनरी कारोबारी ने इसी तरह से बीसी का लाखों रुपए उठाया और कारोबार बंद कर गायब हो गया, जिसकी तलाश अब बीसी संचालक कर रहे हैं। वहीं इस खेल में शामिल होकर रुपए फंसाने वाले अब संचालक को रुपए वापसी के लिए दबाव बना रहे हैं।
कारोबारी हो रहे परेशान
नियमतः ऐसे असुरक्षित निवेश से लोगों को बचना चाहिए। बावजूद कई कारोबारियों ने अच्छे आपसी संबंधों के मद्देनजर रुपए फंसा दिया। अब रुपए वापसी नहीं होने से इनके सामने आर्थिक संकट की स्थिति है। कुछ कारोबारी कारोबार का लाभांश लगाकर ही खेल में शामिल हो रहे थे। आज उनके पैसे बीसी संचालक के पास जाम है।
यह खेल चिटफंड कंपनी की तरह ही फल-फूल रहा है। जिस पर रोक के लिए कानूनी प्रतिबंध होने के बाद भी स्थानीय प्रशासन की कोई भूमिका नहीं देखी जा रही है।
एक्सपर्ट- व्यू
अधिवक्ता अनिल शर्मा के अनुसार बीसी का खेल वैधानिक नहीं है। इनामी चिट और धन परिचालन स्कीम (पाबंदी) अधिनियम 1978 के तहत यह प्रतिबंधित है। अधिनियम की धारा 3 के तहत दंडनीय अपराध है। इनामी चिट संचालन और इसके सदस्य बनने और इसमें भाग लेने पर पाबंदी है। धारा 3 के तहत इस तरह के स्कीम का संचालन नहीं करेगा, सदस्य नहीं बनेगा, भाग नहीं लेगा, धन प्राप्त नहीं करेगा। यदि उल्लंघन करना पाया जाता है तो अधिनियम की धारा 4 के तहत 3 वर्ष का कारावास, 5 हजार रुपए जुर्माना का प्रावधान है। शर्मा का कहना है कि लोगों को ऐसे अवैधानिक तरीकों से बचना चाहिए, निवेश करने के लिए बैंक तथा अन्य कई वैधानिक माध्यम हैं। इस खेल में पड़कर रुपए हड़पने वाला छल की श्रेणी में आता है। जिन पर धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया जा सकता है। पुलिस को ऐसे मामलों में स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। पुलिस चाहे तो ऐसे खेल रोके जा सकती हैं।
नहीं है अपराध
'आमतौर पर यह भरोसे का खेल है। लोग आपस में जान पहचान वालों के साथ ग्रुप बनाकर यह खेल खेलते हैं, जिसमें लाभ-हानि पर प्रत्येक सदस्य की बराबरी रहती है। साथ ही सभी सदस्यों के संज्ञान और सहमति में खेल होता है। रुपए लेकर कोई भाग जाए तो क्रिमिनल अफेंस नहीं है, शिकायत पर अपराध जरूर बनता है।'
-एमए मोटवानी, डीएसपी महासमुंद