सोनीपत: पुराने मामले अभी हल नहीं हुए हैं कि शहर के सेक्टर 23 में कमेटी (चिट फंड) के खेल का एक और मामला सामने आया है। कमेटी के फेर में फंसे 16 लोगों ने पुलिस में शिकायत देकर एक महिला व उसके परिजनों पर करीब 7 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
ध्यान रहे कि कमेटी के फेर में फंसे एक परिवार के 3 लोगों ने अपनी जान दे दी थी। इस नये मामले में आरोपी महिला वही है, जो तीन सदस्यों को आत्महत्या के लिए विवश करने के मामले में भी नामजद रही है। कमेटी के फेर में फंसे पीड़ित परिवार करीब साढ़े तीन माह से सेक्टर-23 में अनशन पर बैठे है। सेक्टर 23 निवासी ईश्वर उपाध्याय, लखमी, सुरेश, रामनिवास, संजय, धर्मबीर, नरेंद्र, महाबीर सहित 16 लोगों ने सिटी थाना में शिकायत देकर उनसे धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कमेटी के नाम पर उन सभी के साथ करीब 7 करोड़ की धोखाधड़ी की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सेक्टर 23 निवासी सिम्मी, उसके पति सुरेंद्र, बेटे सुमित व पवन, सिम्मी के भाई अशोक, ननदोई अनिल व ननद राजेश उर्फ गुड्डी ने उनसे धोखाधड़ी कर नकदी ठगी है। पुलिस ने शिकायतकर्ताओं के बयान पर मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
कर रहे सत्याग्रह
इधर, कमेटी के फेर में फंस कर करोड़ों रुपये गंवाने वाले ईश्वर उपाध्याय व अन्य सदस्य करीब साढ़े तीन माह से सेक्टर-23 में सत्याग्रह कर रहे है। इस मामले में करीब चार मामले दर्ज हो चुके है। एक आरोपी महिला को भी पिछले दिनों पुलिस ने काबू किया था। अभी तक इनके ही पैसे नहीं मिले हैं, अब एक और बड़ा मामला सामने आया है।
3 ने की थी आत्महत्या
शहर के सेक्टर-23 की हाउसिंग बोर्ड कालोनी में 16 अक्टूबर, 2014 में कमेटी के चक्कर में फंसे परिवार के तीन लोगों जगबीर गुलिया (48), उसकी पत्नी सुदेश (45) व बेटी प्रियंका (22) ने आत्महत्या कर ली थी। इसमे जगबीर के बेटे अजय ने आरोप लगाया था कि पड़ोस की रहने वाली सिम्मी, नीलम, मुकेश, रेनू व बाला उसकी मां के साथ कमेटी डालती थी।
क्या है चिटफंड एक्ट ?
चिटफंड एक्ट 1982 के सेक्शन 2 के अनुसार चिटफंड चिटफंड का मतलब कोई भी लेनदेन, जिसे चिट, चिटफंड या अन्य किसी नाम से जाना जाता है। इस के तहत एक व्यक्ति अन्य व्यक्ति के समूह के साथ यह समझौता करता है कि वह एक निश्चित राशि, निश्चित अवधि में जमा कराएगा। सदस्य अपनी बारी आने पर आक्शन से उस राशि को लेने का हकदार होगा ।
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