अंबिकापुर (निप्र)। कम अवधि में ज्यादा रिटर्न का लालच देकर निवेश कराने वाली कथित चिटफंड कंपनियों के खिलाफ पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। रविवार को पुलिस ने चार अलग-अलग कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। इनमें से तीन कंपनियां ऐसी हैं जिनके खिलाफ पूर्व में भी आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया था और कंपनी से जुड़े लोगों की गिरफ्तारियां भी की गई थी। नए शिकायतकर्ताओं के सामने आने के बाद पुलिस ने दूसरे एफआईआर भी दर्ज कर दिए। पुलिस की मंशा है कि संबंधित वित्तीय कंपनियां दुबारा यहां पैर न जमा सकें। रविवार को एक नई कंपनी के संचालक व उससे जुड़े लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस की सख्त कार्रवाई से अधिकांश कथित चिटफंड कंपनियां अपना कारोबार समेट चुकी हैं। शहर में अभी की स्थिति में सिर्फ दो कंपनियां ऐसी हैं,जिसपर पुलिस की नजर है। आने वाले दिनों में कुछ और कंपनियों से जुड़े लोगों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जा सकता है।
आदिवासी बाहुल्य सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर में पिछले कुछ वर्षों से चिटफंड कंपनियों की बाढ़ सी आ गई थी। एक दर्जन से भी अधिक कंपनियों के कार्यालय शहर में संचालित होने लगे थे। प्रापर्टी, पशुपालन समेत दूसरे व्यवसाय के नाम पर लोगों से करोड़ों रूपए निवेश कराने का खुला खेल चल रहा था। कम अवधि में ज्यादा रिटर्न का लालच देकर निवेशकों से बड़ी रकम जमा कराने वाली कुछ तथाकथित कंपनियों द्वारा मियाद अवधि पूरी होने के बावजूद राशि वापस नहीं करने की भी शिकायत सामने आई थी। कुछ कंपनियों के संचालक व कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस ने आपराधिक प्रकरण दर्ज कर शिकंजा कसना शुरू किया तो कई कंपनियों ने कामकाज समेट लिया। इन कंपनियों से जुड़े लोग शहर से गायब हो गए। जब पुलिस मुख्यालय से निर्देश जारी हुआ तो पुलिस और सख्त हो गई। सरगुजा आईजी दीपांशु काबरा ने पदभार संभालने के बाद चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने का निर्देश दिया। इसी का परिणाम रहा कि पूर्व में दर्ज आपराधिक प्रकरणों में नामजद आरोपियों को सीएसपी जितेंद्र शुक्ला के निर्देशन में पुलिस कलकत्ता से भी पकड़कर ले आई। जो शिकायती आवेदन पत्र जांच में थे, उसमें नए सिरे से बयान दर्ज कर जांच को गति दी गई। पुलिस के बढ़े दबाव से कथित चिटफंड कंपनियों में से अधिकांश बंद हो चुकी हैं। वर्तमान में सिर्फ दो कंपनियों के कार्यालय शहर में संचालित होने की जानकारी पुलिस को मिली है। नगर निरीक्षक सुरेश भगत ने बताया कि इन कंपनियों के खिलाफ शिकायत करने वालों की लंबी फेरहिस्त है। रविवार को पुलिस ने अनमोल इंडिया एग्रो, सांई प्रसाद प्रापर्टीज, टीसा एग्रो प्रोडक्ट व एमआई हेल्थ केयर के संचालक व कंपनी से जुड़े लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। इनमें से एमआई हेल्थ केयर को छोड़कर तीन अन्य कंपनियों के खिलाफ पूर्व में भी न सिर्फ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया था,बल्कि नामजद आरोपियों में से कुछ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा चुका है। पुलिस अब सतर्क हो गई है और दबाव इतना बनाया जा रहा है कि चिटफंड कंपनियां यहां अपना कारोबार करने से पहले 50 बार सोचे और स्थानीय लोग धोखाधड़ी से बच सकें।
गवां चुके हैं बड़ी रकम-
कम अवधि में ज्यादा रिटर्न के लालच में ऐसी कंपनियों में राशि जमा करने वाले दर्जनों लोग जमापूंजी गवां चुके हैं। पुलिस की जांच में कुछ कंपनियों के खिलाफ शिकायत है कि शुरूआती दिनों में तो मियाद अवधि पूरी होने पर वादे के अनुरूप रिटर्न किया जाता है लेकिन जब सैकड़ों ग्राहक फंस जाते हैं तब कंपनियों द्वारा ग्राहकों को घुमाना शुरू किया जाता है। मियाद अवधि पूरी हो जाने के बावजूद राशि वापस नहंी की जाती। दबाव बनाने पर ऐसे चेक दिए जाते हैं जो बाउंस हो जाते हैं। पूर्व के मामलों में ऐसा हो चुका है। ऐसी कंपनियों द्वारा धोखाधड़ी किए जाने की लगातार सामने आने वाली शिकायतों के बावजूद कुछ लोग राशि जमा कराने से भी नहीं चूकते।
दुबारा न रख सकें कदम-
पूर्व में आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बावजूद तीन कंपनियों के खिलाफ रविवार को दुबारा एफआईआर दर्ज करने के पीछे कई कारण सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बावजूद सूचना मिली रही थी कि कंपनियों द्वारा नए सिरे से पांव पसारने की तैयारी की जा रही थी। पुलिस का प्रयास है कि लोग वित्तीय धोखाधड़ी से बचें। पूर्व में जो लोग ठगी के शिकार हो चुके हैं उनकी ओर से भी पुलिस को ऐसी कंपनियों के खिलाफ दुबारा धंधा शुरू करने की तैयारी की सूचना मिल रही थी। चूंकि धोखाधड़ी के शिकार लोगों की संख्या अधिक है, इसलिए शिकायतकर्ता भी ढूंढना नहंी पड़ रहा है। आने वाले दिनों में कुछ और कंपनियों से जुड़े लोगों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की तैयारी चल रही है।
रविवार को चार कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। चिटफंड कंपनियों के झांसे में आकर लोग ठगी के शिकार न हो, इसलिए पुलिस सख्ती बरत रही है। चिटफंड कंपनियों को शहर में काम करने का अवसर ही नहीं दिया जाएगा। जिन चार कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें से तीन के खिलाफ पहले भी आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया था। इन कंपनियों से जुड़े लोग फिर वापसी न करें,इसलिए विशेष अभियान के तहत कार्रवाई की जा रही है।
जितेंद्र शुक्ला आईपीएस
सीएसपी, अंबिकापुर
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