रायपुर। विशेष अपराध अनुसंधान सेल ने रविवार को तीन साल से फरार चल रहे आस्था गोट फॉर्मिंग इंडिया चिटफंड कंपनी के छत्तीसगढ़ प्रमुख व मुख्य एजेंट मुकेश केशरवानी को गिरफ्तार कर लिया है। वह शहडोल के धनपुरी में छिपा था, जहां से पकड़कर लाया गया। मुकेश पर पुलिस ने पांच हजार का इनाम भी घोषित कर रखा था।
एडिशनल एसपी श्वेता सिन्हा ने बताया कि कटोरातालाब निवासी लक्ष्मण सतपथी (75) की रिपोर्ट पर पंडरी पुलिस ने आस्था गोट फॉर्मिंग इंडिया प्रालि एवं आस्था इंटरनेशनल लिमिटेड के मैेनेजिंग डाइरेक्टर संतोष किशन सपकाड़े, डाइरेक्टर चंद्र सिंह शिवाजी चौहान, प्रशिक्षण अधिकारी सुनील जोशी और रायपुर शाखा प्रभारी मुकेश केशरवानी के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध कायम किया गया था। कंपनी ने बकरी पालन के नाम पर ऑनलाइन स्कीम के जरिए ढाई सौ से अधिक लोगों को रकम निवेश करने पर तीन व पांच साल के भीतर दोगुना रकम लौटाने का झांसा देकर करीब 18 करोड़ रुपए का निवेश कराया था। 2008 से कंपनी का दफ्तर राजधानी में संचालित होता रहा जो 2012 में अचानक बंद हो गया और कंपनी से जुड़े लोग करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गए। जांच के दौरान पुलिस ने 115 निवेशकों के डेढ़ करोड़ रुपए के बॉन्ड पेपर कंपनी के दफ्तर से जब्त किया था। इस मामले में कंपनी के डाइरेक्टर संतोष किशन सपकाड़े, चंद्र सिंह शिवाजी भाई चौहान उर्फ चंद्रेश चौहान को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। घटना के बाद से फरार संजयनगर, टिकरापारा निवासी मुकेश केशरवानी (38) को गिरफ्तार कर रविवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उससे पूछताछ करने पुलिस रिमांड पर लिया गया।
डॉक्टर है आरोपी
आरोपी बीएमएस डाक्टर है। ट्रेन में सफर के दौरान वह कंपनी के डाइरेक्टरों के संपर्क में आया और कंपनी से जुड़ा। ढाई सौ से अधिक निवेशकों से उसने ढाई करोड़ रुपए जमा करवाया था। मुकेश ने खुद भी 60 हजार रुपए कंपनी में निवेश करने की जानकारी दी है।
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