भिलाई। यश ग्रुप की ठगी के बाद चेती पुलिस ने जिले में संचालित अन्य निवेश करवाने वाली कंपनियों की जन्म कुंडली खंगालना शुरू किया है। पुलिस ने जिले भर के 26 कंपनियों की सूची तैयार की है। सूची को सेबी, आरबीआई और राज्य शासन के पास भेजा गया है। पुलिस ने जानकारी मांगी है कि लोगों से निवेश करवाने वाली यह कंपनियां कितनी वैध और कितनी अवैध है। फिलहाल अभी तक पुलिस को इन कंपनियों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
गौरतलब है कि यश ग्रुप कंपनी के संचालक अमित श्रीवास्तव ने अपने परिवार के लोगों और साथियों से साथ मिलकर करीब सैकड़ा भर से अधिक लोगों से निवेश के नाम पर लाखों रुपए की ठगी कर फरार हो गया था। करीब डेढ़ महीने के बाद पुलिस ने अमित श्रीवास्तव समेत 4 लोगों को गोवा से गिरफ्तार किया। ठगी के शिकार हुए लोगों द्वारा लगातार प्रदर्शन किए जाने के बाद पुलिस ने जिले में संचालित अन्य कंपनियों पर ध्यान देना शुरू किया। पुलिस ने सभी थानों से उनके क्षेत्र में संचालित कंपनियों की लिस्ट तैयार की है। अलग-अलग चरणों में तैयार हुए लिस्ट को पुलिस ने सेबी, आरबीआई और राज्य शासन के पास भेजा है। पुलिस ने सभी कंपनियों की वास्तविकता जानने के लिए कंपनियों की जानकारी मंगाई है।
इन बिंदुओं पर मांगी जानकारी
:- कंपनियां सेबी, आरबीआई या राज्य शासन से पंजीकृत है या नहीं।
:- कंपनियां निवेशकों को कितना लाभ देने का प्रलोभन दे रही है।
:- कंपनियां पैसों को कहां इनवेस्ट करने का दावा कर रही है।
:- कंपनियों ने राज्य में संचालन के पूर्व शासन से अनुमति ली है या नहीं।
:- कंपनी के डूबने या भागने की स्थिति में निवेशकों के पैसे का क्या होगा?
जांच के दायरे में ये भी..
चिटफंड कंपनी की तर्ज पर निवेश करवाने वाली कंपनियों के साथ ही पुलिस ने निजी विश्वविद्यालय की डिग्री दिलवाने का दावा करने वाली संस्थाओं के बारे में भी जानकारी मांगी है। इसके साथ ही नौकरी लगवाने के लिए खुली एजेंसियों को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है। पुलिस ने तीन बार में सभी कंपनियों की सूची तैयार की है और उनकी पुष्टि के लिए सेबी, आरबीआई और शासन के पास भेजा गया है।
पुुलिस सभी कंपनियों के बारे में जानकारी जुटा रही है। लेकिन जब तक हमारे पास पूरी जानकारी नहीं आ जाती। तब तक उनका नाम नहीं बता सकते हैं। हो सकता है कि इनमें से कोई फर्जी भी हो और नाम सार्वजनिक होने के बाद वह भी भाग खड़ा हो। जांच पूरी होने के बाद वैध और अवैध कंपनी की सच्चाई खुद ही सामने आ जाएगी। - विवेक शुक्ला, एएसपी ग्रामीण
See Also: मामला चिटफंड कंपनी की करोडों अरबों रुपये की ठगी का