NBFC From Banks To Private Investors Shift Focus

NBFC From Banks To Private Investors Shift Focus

मुंबई | इनवेस्टमेंट के लिहाज से प्राइवेट बैंकों में भी बहुत दम नहीं रह गया है। ऐसे में इनवेस्टर्स ने बैड लोन में डूबे सरकारी बैंकों का नया विकल्प ढूंढ लिया है। इनवेस्टर्स के लिए नया ऑप्शन नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (NBFC) हैं। ईटीआईजी के डेटा के मुताबिक, देश के 15 पब्लिक सेक्टर बैंकों का मार्केट कैप बजाज फाइनेंस, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस, श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस, महिंद्रा फाइनेंस और दूसरी दिग्गज NBFC कंपनियों के कुल मार्केट कैप का आधा रह गया है। हालांकि, इन कंपनियों का कुल बिजनेस बैंकों के मुकाबले बहुत ही कम है। PSB का मार्केट कैप अभी लगभग 2.71 लाख करोड़ है जबकि NBFC का मार्केट कैप 4.78 लाख करोड़।



IIFL के एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट-मार्केट्स एंड कॉरपोरेट अफेयर्स संजय भसीन ने कहा, 'टॉप नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां आजकल इनवेस्टर्स को बहुत पसंद आ रही हैं। प्राइवेट कंपनियों का आकर्षण महंगे वैल्यूएशन की वजह से खत्म हो गया है। रिटेल और रूरल इलाकों में ग्रोथ की संभावनाओं को देखते हुए टॉप NBFC सक्षम मैनेजमेंट होने से फायदेमंद नजर आ रही हैं।' पिछले एक साल में बैंक का मार्केट कैप 30 पर्सेंट घटा है जबकि इस दौरान हाउसिंग डिवेलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन यानी HDFC सहित NBFC सेगमेंट का मार्केट कैप 4.6 पर्सेंट बढ़ा।



कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक जैसे प्राइवेट बैंकों के शेयरों में उनकी बुक वैल्यू के लगभग 2.7-6 गुना पर ट्रेड हो रहा है। देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक ICICI में उसकी बुक वैल्यू के 1.7 गुना पर ट्रेड हो रहा है, लेकिन उसके बहुत से लोन बैड हो गए हैं जिसके चलते इनवेस्टर्स को फिक्र हो रही है।



सेंट्रम ब्रोकिंग के सीईओ संदीप नायक ने कहा, 'प्राइवेट सेक्टर बैंक का वैल्यूएशन बहुत ज्यादा है, जिसके चलते इनवेस्टमेंट के लिहाज से उनका आकर्षण घटा है जबकि पब्लिक बैंकों की लोन ग्रोथ ज्यादा रहने की संभावना नहीं है। पब्लिक सेक्टर बैंक बैड लोन के लिए प्रोविजनिंग कर रहे हैं, लेकिन उनकी बैलेंस शीट के क्लीन होने में वक्त लगेगा। इसके चलते जिन NBFC की लोन बुक में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है, वे इनवेस्टर्स की पसंद बन गई हैं।'



देश के सबसे बड़े बैंक SBI को छोड़कर बाकी सरकारी बैंकों के शेयर एक से कम प्राइस टु बुक वैल्यू पर सस्ते में मिल रहे हैं। SBI म्यूचुअल फंड के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर नवनीत मुनोट के मुताबिक, 'कॉरपोरेट लेंडर्स के बजाया रिटेल फोकस वाली NBFC को तरजीह दी जा रही है। उन्होंने बेहतर रिस्क मैनेजमेंट और कलेक्शन क्षमता से प्रॉफिटेबल ग्रोथ दी है।'



SBI, PNB, BoI, केनरा बैंक जैसे कुछ सरकारी बैंकों का मार्केट कैप पिछले एक साल में 39 से 49 पर्सेंट घटा है। इस दौरान बजाज फाइनेंस का मार्केट कैप 82 पर्सेंट जबकि इंडियाबुल्स, श्रीराम, चोलामंडलम इनवेस्टमेंट का बाजार पूंजीकरण 43-63 पर्सेंट तक बढ़ा है।




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  • 31 May, 2016
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