रायसेन: चिटफंड कंपनी के नाम पर लोगों से 40 करोड़ रुपए ठगने वाले बसंत उपाध्याय भोपाल में पकड़ा गया। सोमवार रात को पुलिस उसे भोपाल से रायसेन ले आई। उस पर भोपाल, सागर और रायसेन के लोगों के साथ करीब 40 करोड़ से अधिक की ठगी करने का आराेप है। उसके खिलाफ इन शहरों में लोगों द्वारा ठगी करने का मामला दर्ज कराया गया है। पुलिस इस साल अगस्त महीने से उसकी तलाश कर रही थी। बसंत पहले लोगों को भरोसा जीतता था। उसके लिए वह पहले दोगुनी राशि का चेक इंवेस्ट करने वालों को देता था। उसके टारगेट पर रिटायर्ड कर्मचरी और महिलाएं रहती थीं।
सोमवार को रायसेन पुलिस को सूचना मिली कि लोगों के साथ ठगी करने वाला बसंत उपाध्याय भोपाल में देखा गया है। इस पर एसडीओपी मंजीत सिंह पुलिस बल के साथ भोपाल पहुंची। निशातपुरा पुलिस के सहयोग से इसको शाम के समय धरधबोचा। पकड़ने के बाद उसे निशातपुरा थाने ले जाया गया। वहां से रात पौने 9 बजे उसे रायसेन पुलिस लेकर आई है। ठगी करने वाले बसंत के पकड़े जाने की सूचना मिलते ही उसके शिकार हुए कुछ लोग थाने पहुंचे। एसडीओपी मंजीत संह ने बताया कि बसंत को हिरासत में लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
चिटफंड के नाम पर शुरू किया था कारोबार
30 साल पहले रायसेन आया था बसंत उपाध्याय
मूलत: बनारस के गाजीपुर का रहने वाला बसंत उपाधाय 30 साल पहले रायसेन में रहने आया था। इसके पिता बीएम उपाध्याय एग्रीकल्चर में डिप्टी डायरेक्टर थे। आठ साल पहले उनकी माैत हो चुकी है। इसने भोपाल से एमबीए किया है। सबसे पहले इसने रीयल बाजार के नाम से चिटफंड कंपनी खोली थी।
पाटर्नरों के साथ मिलकर ठगा फिर भाग गए
शहर के मुखर्जीनगर निवासी बसंत उपाध्याय ने सिरका हरियाणा निवासी नितिन बलेचा, उसके पिता कमलराम बलेचा, मेघा सिंह इंदौर और विपेंद्र चौहान के साथ मिलकर भोपाल, सागर और रायसेन में उक्त कंपनियों के कार्यालय खोले थे। इन स्थानों पर भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनकी जमापूंजी को दोगुना करने का लालच देकर इंवेस्ट करवा दिया। बाद में यह लोग इन शहरों से अपना कारोबार समेट कर फरार हो गए। अपनी जमा पूंजी डूबने के बाद से लोग लगातार उनकी शिकायत कर रहे थे। ऐसा बताया जा रहा है रायसेन के 125, भोपाल के 100 और सागर के 150 से अधिक लोगों को ठगी का शिकार बनाया गया है। इन लोगों से करीब 30 से 40 हजार रुपए ठगने की बात कही जा रही है।
बसंत के पकड़ने की सूचना मिलते ही थाने में लगी लोगों की भीड़
रामलीला निवासी चिरोंजीबाई प्रजापति, सेवानिवृत कर्मचारी दिलीप कोष्ठा, मुखर्जीनगर निवासी वसुंधरा शर्मा, अनिल शर्मा, भोपाल की जाहिदा कुरैशी, प्रीतेश्वरी नायक सहित 24 लोगाें ने 5 अगस्त को कोतवाली थाने पहुंच कर ठगी करने वाले बसंत के खिलाफ आवेदन दिए थे। इन आवेदनों के बाद से ही रायसेन की पुलिस आरोपी बसंत उपाध्याय की तलाश में जुटी हुई थी। उसके पकड़ने जाने की सूचना मिलते ही ठगी का शिकार हुए लोग थाने पहुंचे। लेकिन पुलिस ने उन्हें यह कहते चलता किया कि वे पूछताछ कर रहे हैं बाद में आना।
मुखर्जीनगर निवासी बसंत उपाध्याय ने रीयल बाजार के नाम से सागर रोड पर अपना कारोबार शुरू किया था। उसने आेम सांई श्रद्धा, श्रद्धा सबुरी कामोडिटी चिटफंड कंपनियों में लोगों की राशि इन्वेस्ट करवाई थी। इन कंपनियों में राशि इन्वेस्ट करने पर दो से तीन माह ही 20 से 25 फीसदी तक अधिक राशि मिलने का भरोसा दिलाया गया। शहर के सैकड़ों लोग इस फेर में आ गए। सबसे ज्यादा शिकार लोग सेवानिवृत कर्मचारी और शिक्षक बताए जा रहे है। इसके अलावा महिलाओं को भी टारगेट पर रखता था। भरोसे में लेने के बाद वह लोगाें की जमा पूंजी लेकर आठ माह पहले शहर से फरार हो गया था। बताया जाता है कि लोगों ने 20 हजार से लेकर 15 लाख रुपए तक का इन्वेस्ट किया था।
रायसेन थाने में पकड़े जाने के बाद मुस्कराता रहा बसंत उपाध्याय (काली शर्ट में)। फोटो भास्कर
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