Jamshedpur, Jharkhand - जिला अधिकारी या डीसी नन बैंकिंग कंपनियों पर कार्रवाई या नकेल कस सकते हैं. उक्त बातें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बिहार-झारखंड के क्षेत्रीय निदेशक एमके वर्मा ने कही. श्री वर्मा मंगलवार को प्रभात खबर से खास बातचीत कर रहे थे. उन्होंने बताया कि नन बैंकिंग कंपनियों के भागने से कई लोगों को चपत लगी है. इन घटनाओं को रोकने के लिए राज्य में पब्लिक प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपोजिट एक्ट बनाया गया है.
इसके तहत जिला अधिकारी को पर्याप्त अधिकार दिये गये हैं, ताकि ऐसी कंपनियों पर नकेल कसा जा सके. इस एक्ट के तहत थाना और पुलिस को अधिकार है कि ऐसी कंपनियों की जांच कर सके. ऐसी कंपनियों को आरबीआइ के गाइडलाइन के मुताबिक काम करना चाहिए. हालांकि कई कंपनियां ऐसी हैं, जो अवैध तरीके से काम कर रही है.
कई कंपनियों को डिपॉजिट नहीं लेना है, लेकिन डिपॉजिट लिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहा है. चिटफंड के लिए रजिस्ट्रार नहीं : आरबीआइ के क्षेत्रीय निदेशक एमके वर्मा ने बताया कि चिटफंड चलाने वाले लोगों पर कार्रवाई के लिए जरूरी कदम अब तक राज्य में नहीं उठाये गये हैं. बिहार समेत कई राज्यों में रजिस्ट्रार ऑफ चिट की स्थापना की गयी है.
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