इटारसी: चिटफंड के चंगुल में फंसे लोगों को मुक्ति नहीं मिल रही है। खातेदार और एजेंट दोनों परेशान हैं। खातेदार अपने पैसे लेने दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। कुछ को खातेदारों को तो चेक भी मिल चुके हैं, लेकिन चेक चेक बाउंस हो रहे हैं।
सपने दिखाकर पॉलिसी करने वाली चिटफंड कंपनी अब खातेदारों को रूला रही है। शहर में तीन बड़ी कंपनियों के खातेदार खासकर परेशान हैं। इसमें जीएन डेयरी, परिवार डेयरी और एचबीएन डेयरी के खातेदार शामिल हैं। खातेदार रोज आते हैं और आश्वासन के बाद निराश होकर चले जाते हैं।
कंपनी ने दिए दिल्ली के चेक
जीएन डेयरी से खातेदारों को दिल्ली की बैंक के चेक जारी किए गए हैं। जिससे खातेदार परेशान होते रहे और पैसों की मांग नहीं कर सकें। एचबीएन डेयरी से जो चेक जारी किए गए हैं, लेकिन खाता पहले ही बंद हो चुका है। इस तरह खातेदारों को धोखा देकर परेशान किया जा रहा है।
यह है एजेंटों की हालात
जीएन डेयरी के दफ्तर में आई सलकनपुर के पास गांव पथौड़ा की छुटिया बाई ने बताया कि उसके 100 से ज्यादा खाते हैं। खातेदारों के चेक बाउंस हो गए हैं और खातेदार घर आकर गालियां देते हैं। बदरूनिशा ने बताया कि खातेदार दफ्तरों में आकर रोते हैं लेकिन यहां कोई सुनने वाला नहीं हैं। बाउंस चेक लेकर घूम रहे हैं। जुझारपुर की एक महिला एजेंट की हालत यह है कि वह गांव में किराना दुकान चलाती थी लोगों ने उसकी दुकान ही लूट ली है।
कार्रवाई की जाएगी
अभी तक कोई भी शिकायत नहीं मिली है। कोई शिकायत करता है तो कार्रवाई की जाएगी। राजकुमार खत्री, एसडीएम
मुंह छिपाकर घूम रहे
चिटफंड कंपनी में अधिकांश गांव के बेरोजागार महिला-पुरूषों को जोड़ा गया था। इन्हें शहरों के चालाक एजेंट जिन्हें ये सीनियर कहते हैं उन्होंने बड़ी-बड़ी बातें करके अपने नीचे एजेंट बना लिए और लाभ लेने के बाद खुद उस कंपनी को छोड़कर चले गए। अब इन एजेंट को मुंह छिपाकर घूमना पड़ रहा है।
वकील ने दिया नोटिस
एडव्होकेट ओपी कुशवाहा ने बताया कि उनके पास तीन केस हैं। इस मामले में जीएन डेयरी को नोटिस जारी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि खातेदारों से जालसाजी की जा रही है। उन्हें परेशान करने के लिए दिल्ली का चेक दिया जाता है और कुछ कंपनी बंद खाते का चेक दे रही है यह धोखाधड़ी की गिनती में आता हैं।
नहीं करते शिकायत
एजेंट और खातेदार शिकायत नहीं करते क्योंकि कंपनी कर्मचारी इन्हें यह कहकर डरा देते हैं कि अभी दफ्तर है तो यहां आ जाते हो। दफ्तर भी बंद हो जाएगा तो घूमते रहना अपने चेक और पॉलिसी लेकर इसलिए पैसे की मिलने आश लिए खातेदार शिकायत भी नहीं करते हैं। इस कारण इन कंपनियों के हौंसले बुलंद है।