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Chit fund scam be made to the crime of treason

Chit fund scam be made to the crime of treason

नई दिल्ली। ज्यादा लाभ का सपना दिखाकर गरीबों की गाढ़ी कमाई को हड़पने वाली चिटफंड कंपनियों के सावधान होने का समय आ गया है। ऐसी कंपनियां अगर चिटफंड के नाम पर धोखाधड़ी कर घोटाला करती हैं, तो उन पर देशद्रोह जैसा मुकदमा चल सकता है। संसदीय समिति ने चिटफंड घोटालों को ‘राय के विरुद्ध अपराध’ की श्रेणी में रखने की सिफारिश की है। सरकार को अगर यह सिफारिश रास आ गई तो चिटफंड घोटाले भी गैर जमानती व संज्ञेय अपराध की श्रेणी में में आ जाएंगे।



संसद की वित्त मामलों संबंधी समिति ने देश में अलग-अलग नाम से चल रही चिटफंड योजनाओं के नियमन के लिए आदर्श केंद्रीय कानून बनाने की सिफारिश की है। समिति का कहना है कि इस कानून में विभिन्न योजनाओं के कार्यक्षेत्र को स्पष्ट शब्दों में परिभाषित किया जाए। साथ ही, घोटालेबाजों की संपत्ति की कुर्की, निर्धारित समयसीमा में धन की वसूली, क्षतिपूर्ति और कारावास की सजा का प्रावधान किया जाए। साथ ही इन अपराधों को भारतीय दंड संहिता के तहत ‘राय के विरुद्ध किए गए अपराध’ के रूप में समझा जाए तथा इसे गैर जमानती व संज्ञेय अपराध बनाया जाए।



भारतीय दंड संहिता की धारा 121 से 124 तक राय के विरुद्ध अपराधों का ब्योरा है, जिसमें देशद्रोह जैसे अपराध भी शामिल हैं। कांग्रेस के नेता वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली समिति ने 2010 से सेबी द्वारा पोंजी स्कीमों से जुड़े मामलों में उपयुक्त कार्रवाई नहीं करने पर चिंता भी जताई है। समिति ने कहा कि सेबी को शिकायत मिलने के बाद अंतरिम आदेश देने में 2-3 वर्ष तथा अंतिम आदेश पारित करने में पांच साल तक लग जाते हैं।



इस अवधि में सामूहिक निवेश की इन पोंजी स्कीमों के तहत गरीब और छोटे निवेशकों से करोड़ों रुपये हड़प कर लिए जाते हैं। समिति ने सेबी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उसने जैसी मुस्तैदी सहारा मामले में दिखाई, वैसी तेजी किसी अन्य कंपनी के खिलाफ कार्रवाई में नहीं प्रदर्शित की।



समिति ने सेबी को चिटफंड के सभी मामलों में मुस्तैदी से कार्रवाई करने की सिफारिश की है। ‘सामूहिक निवेश योजनाओं, चिटफंड के विनियमन की प्रभावोत्पादकता’ विषय पर संसदीय समिति की यह रिपोर्ट गुरुवार को लोकसभा में पेश की गई। हालांकि समिति अक्टूबर में ही इसकी प्रति लोस अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को सौंप चुकी थी। उस समय संसद का सत्र नहीं होने से इसे लोकसभा में अब पेश किया गया है।



पोंजी स्कीमों पर मांगी रिपोर्ट



बंगाल के सारधा चिटफंड घोटाले सहित सहित कई रायों में ऐसे मामले सामने आए हैं। समिति ने वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग को पोंजी स्कीमों से जुड़े घोटालों के बारे में जानकारी जुटाकर एक रिपोर्ट तीन माह के भीतर सौंपने को कहा है।



See Also: चिटफंड कंपनी का सीएमडी गिरफ्तार


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  • 05 December, 2015
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