बालोद। जिला मुख्यालय में संचालित एक चिटफंड कंपनी की जांच में लापरवाही बरतने के कारण बालोद थाना प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया गया है। मामले में जांच अधिकारी ने जांच के नाम पर सामानों की जब्ती बनाकर दफ्तर की चाबी कंपनी को ही सौंप दी थी। इस लापरवाही से नाराज एसपी ने तत्काल जिले के थानों में पदस्थ नौ थानेदारों सहित 16 अधिकारियों का स्थानांतरण कर दिया है। वहीं देर रात उक्त दफ्तर में एसपी ने फिर से सील करवाई।
जिला मुख्यालय के हृदय स्थल मधु चौक पर नाहटा काम्प्लेक्स में संचालित चिटफंड कंपनी दिव्यानी प्रापर्टी लिमिटेड इन्वेस्टमेंट संचालित थी। इनके एजेन्टों द्वारा भोले भाले ग्रामीणों को अत्यधिक लाभ का फायदा दिलाने के झूठे झांसे देकर राशि वसूली जा रही थी जिसको लेकर लगातार शिकायतें भी आ रही थी। अपने आप को मान्यता प्राप्त कंपनी होने का झांसा देते हुए ग्रामीण क्षेत्र में हजारों लोगों को अपना ग्राहक बना चुकी थी। इस कंपनी को जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जांच के दौरान गड़बड़ी पाए जाने पर सील करवा दिया था जिससे क्षेत्र के हजारो भोले भाले लोग ठगी के शिकार होने से बच गए। वहीं जांच के लिए एसपी के निर्देश पर जांच अधिकारी द्वारा दुकान की सील खोलकर कम्प्यूटर सहित अन्य सामग्री जब्त की गई तथा जब्ती के उपरांत वापस कार्यालय को सील किए जाने के बजाए जांच अधिकारी द्वारा दिव्यानी प्रापर्टी लिमिटेड कंपनी की चॉबी सीधे कंपनी के कर्मचारियों को सौप दी। इस बात की जानकारी विभागीय उधााधिकारियों तक को नहीं दी गई। इसको लेकर जिला पुलिस अधीक्षक ने जांच अधिकारी जितेन्द्र सिंह रंगी को लाइन अटैच करने के आदेश जारी किए।
एसपी शेख आरीफ हुसैन द्वारा थाना प्रभारी जितेन्द्र सिंह रंगी को चीट फण्ड कंपनी की जांच में कोतवाही बरतने पर लाइन अटैच कर दिया है। इसके साथ ही जिले भर के पुलिस महकमें में खलबली मच गई है। जिला मुख्यालय बालोद में चिटफंड कंपनियों पर जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा नकेल कसे जाने के लिए लगातार कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। इसके चलते जिले भर में संचालित चीटफण्ड कंपनियो में हड़कंप की स्थिति है।
फाइल इधर उधर करने की चर्चा
एसपी द्वारा कड़ा रुख अपनाते हुए दिव्यानी प्रापर्टी लिमिटेड कंपनी को बिना वक्त दिए जांच में दोषी पाए जाने पर तत्काल ही सील कर दिया था। इससे कंपनी के करोड़ों रुपए के लेन देन की दस्तावेज दफ्तर के अंदर थे। चर्चा है कि इसे ही लेने के लिए कंपनी के संचालकों द्वारा जांच अधिकारी को अपने वश में किया गया। इसके चलते दस्तावेज जब्त करने की आड़ में कंपनी द्वारा अपने दस्तावेज भी इधर उधर किए जाने की चर्चा जोरो पर है। कंपनी के दफ्तर में जब्ती के नाम पर तीन दिनों तक संरक्षण प्रदान करने के बदले कंपनी द्वारा लाखों रुपए खर्च किए जाने की चर्चा भी नगर के प्रत्येक चौक चौराहों पर हो रही है। इस सदंर्भ में अगर निष्पक्षता से जांच की जाए तो जांच अधिकारी सहित और भी आला अफसरों के नाम के खुलासा होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
ऐसे हुआ खुलासा
मधु चौक के नाहटा काम्प्लेक्स में संचालित दिव्यानी प्रापर्टी लिमिटेड कंपनी के ऑफिस में तीन कम्प्यूटर, तीन टेबल, पांच कुर्सी के साथ साथ दो आलमारियां थी। इसमें फाइलो के साथ साथ अन्य दस्तावेज भी थे। इतने से समान को जब्त करने के लिए लगातार तीन दिन कार्यालय को खोलकर पुलिस जब्ती की कार्रवाही करती रही। इसको लेकर आसपास के लोगो में सुगबुगाहट हुई तथा धीरे धीरे बात आम जनता तक पहुंची। जैसे ही इस बात की जानकारी जिला पुलिस अधीक्षक को लगी तो उन्होंने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया।
अन्य थानेदारों पर गिरी स्थानांतरण की गाज
जिला मुख्यालय बालोद में चिटफंड कंपनी पर जांच अधिकारी द्वारा बरती गई अनियमितता से जिला पुलिस अधीक्षक इतने आक्रोशित हुए कि उन्होंने आपात बैठक आहुत कर कड़ी फटकार लगाते हुए जिले भर के 9 थाने के थाना प्रभारियों को इधर से उधर कर दिया।
'दिव्यानी चिटफंड कंपनी की जांच में थाना प्रभारी द्वारा अनियमितता बरती गई थी जिसके चलते उन्हे लाइन अटैच कर दिया गया है।'
- शेख आरीफ हुसैन, जिला पुलिस अधीक्षक बालोद
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