- एजेंटों ने की एसपी से शिकायत
झाबुआ। प्रज्ञा डेयरी एंड एग्रो प्रोडक्ट लिमिटेड नाम की एक चिटफंड कंपनी ने निवेश के नाम पर ग्रामीण से लाखों रुपए ले लिए। उनसे वादा किया गया कि निश्चित समय के बाद रुपया दोगुना या तिगुना करके दिया जाएगा। जब जमा पॉलिसी की मेच्योरिटी का समय आया तो जमाकर्ताओं ने कंपनी के चेक बैंक में लगाए, लेकिन कंपनी के खाते में पैसे नहीं होने से चेक बाउंस हो गए। अब जमाकर्ता उन एजेंटों पर दबाव बना रहे हैं, जो स्थानीय ग्रामीण ही हैं और कंपनी के लिए काम करते थे। परेशान एजेंटों में से कुछ ने एसपी से मामले की शिकायत की और जमाकर्ताओं का रुपया दिलवाने की मांग की। साथ ही चिटफंड कंपनी पर कार्रवाई की मांग भी की गई।
कंपनी का ऑफिस इंदौर में है। कंपनी ने कई वर्षों में क्षेत्र में हजारों लोगों से पैसा निवेश कराया। पहले भी इस तरह की शिकायत कंपनी को लेकर हो चुकी है, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। कंपनी का चेयरमैन पूनमचंद पाटीदार नाम का शख्स है। वो मूल रूप से जिले के बनी का है और पूर्व में पशु चिकित्सा विभाग में सहायक वेटनरी फील्ड ऑफिसर के रूप में पदस्थ था। चिटफंड की कारगुजारी में फायदा देख उसने ये धंधा शुरू कर दिया और नौकरी छोड़ दी। कुछ ही दिनों में कंपनी के सैकड़ों एजेंट बन गए और हजारों लोगों ने निवेश कर दिया। बाद में कंपनी पाटीदार और कंपनी के बड़े लोग गायब हो गए। कंपनी के चेक बाउंस होने लगे तो जमाकर्ता बाद में एजेंटों से तकादा करने लगे।
फरवरी के दर्जनों चेक
शिकायत करने वाले एजेंट कैलाश डामोर, माजुसिंह सिंगाड़, मोहनलाल पाटीदार, राधेश्याम पाटीदार, दिनेश अखाड़िया और गुलाबसिंह अमलियार ने बताया कि कंपनी ने किश्तवार योजना शुरू कर 5 साल में पैसा वापसी का वादा किया था। 6 साल में राशि दोगुनी करने और साढ़े 8 वर्ष में तीन गुना व 11 वर्ष में चार गुना करने का वादा किया गया। इन लोगों का दावा है कि निवेश की राशि करोड़ों में थी। शुरुआत में कुछ लोगों का पैसा मिला, लेकिन बाद में नहीं। इसी साल फरवरी के दर्जनों चेक कंपनी ने दिए थे। ये सारे बाउंस हो गए। कैलाश के अनुसार उसने अकेले लगभग 28 लाख रुपए का निवेश कराया था।
गायत्री परिवार के नाम का उपयोग
चिटफंड कंपनी ने निवेशकों का विश्वास पाने के लिए गायत्री परिवार शांतिकुज हरिद्वार के नाम का भी उपयोग किया। अपने ब्रोशर में कंपनी ने अखिल विश्व गायत्री परिवार के डॉ. प्रणव पंड्या का फोटो और शुभकामना पत्र छाप रखा था। सीएमडी पीसी पाटीदार ने प्रज्ञा डेयरी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में पत्नी और बेटी सहित परिचितों व करीबियों को सदस्य बनाया। इनमें से कुछ ने बाद में कंपनी से संबंध समाप्त कर लिए। लेकिन इसकी सार्वजनिक सूचना का प्रकाशन नहीं कराया।
सीएमडी ने नहीं उठाया फोन, डायरेक्टर ने कहा- मैं नहीं कंपनी में
मामले में चर्चा करने के लिए चिटफंड कंपनी के सीएमडी पीसी पाटीदार को कॉल किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। कंपनी में डायरेक्टर उनकी पत्नी दुर्गा पाटीदार ने भी फोन नहीं उठाया। डायरेक्टर और पीसी पाटीदार की बेटी ने फोन उठाया और जब ये पता चला कि अखबार से कॉल आया है तो कह दिया, रांग नंबर। एक अन्य डायरेक्टर राजेश जैन निवासी रतलाम ने बताया कि उन्होंने काफी पहले कंपनी से संबंध खत्म कर लिए हैं। उन्हें कंपनी की कारगुजारी के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
जांच करके करेंगे कार्रवाई
प्रकरण में उचित जांच की जाएगी। ये पता लगाया जाएगा कि किस तरह से लोगों से धोखाधड़ी की गई। जांच के बाद प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
- संजय तिवारी, एसपी, झाबुआ
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