ललित विजय, नोएडा। रोज वैली चिटफंड कंपनी में नोएडा के भी हजारों लोगों ने करोड़ों रुपये निवेश किए थे। फास्ट मनी का लालच देकर देशभर के लोगों को पंद्रह हजार करोड़ रुपये की चपत लगाने वाली इस कंपनी के निवेशक अब दर-दर भटक रहे हैं।
कंपनी की नोएडा शाखा बंद हो गई है। निवेशकों की नजर अब प्रवर्तन निदेशालय और कानूनी प्रक्रिया पर है। रोज वैली का नोएडा में सेक्टर 15 और ग्रेटर नोएडा में सूरजपुर में ब्रांच थी। कंपनी में निवेश करने वाले सुरेश का कहना है कि उन्हें निवेश का जुलाई 2014 तक पैसा मिला था। इसके बाद पैसे मिलने बंद हो गए।
रोज वैली की तरफ से लोगों को विभिन्न तरह के प्लान दिए गए थे। वन टाइम प्लान में दस हजार रुपये लगाने पर सत्तर माह बाद पैसे दोगुने होने का लालच दिया गया था। साथ ही अगर एक हजार रुपये 60 माह तक जमा किए जाएं तो 105744 रुपये देने का वादा किया जाता था। निवेशक निरंजन का कहना है कि एजेंट भी अब अंडरग्राउंड हो गए हैं।
एक नजर में रोज वैली
भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) से अनुमति लिए बगैर कोलकाता की रोज वैली कंपनी ने विभिन्न वित्तीय स्कीम के तहत लोगों से 15,000 करोड़ रुपये की उगाही की थी। पूंजी बाजार की नियामक संस्था ने रोज वैली को 2014 में लोगों के पैसे वापस करने का निर्देश दिया। कंपनी ने लोगों के पैसे वापस नहीं किए।
उसके बाद सेबी की शिकायत पर प्रवर्तन निदेशालय ने मामले की जांच शुरूकर दी। ईडी ने कंपनी के मैनेजिंग डॉयरेक्टर गौतम कुण्डू को 25 मार्च 2015 को गिरफ्तार कर लिया था। जांच एजेंसी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत कुण्डू के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है। चार्जशीट में कुण्डू के अलावा रोजवैली के छह लोगों के नाम दर्ज हैं।