उज्जैन: पॉलिसी के नाम पर लोगों को ठगने वाले एक युवक को उज्जैन पुलिस ने गुजरात से पकड़ा है। युवक पर अपने 12 साथियों के साथ मिलकर 35 लाख की ठगी का आरोप है। माधनगर थाने में महिला की शिकायत पर धोखाधड़़ी का प्रकरण लगभग पांच माह पहले दर्ज किया गया था।
माधनगर पुलिस के मुताबिक गुरुवार को ट्यूलीप ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड (Tulip Global Pvt Ltd) के रोहित कासलीवाल को गुजरात के गांधीनगर से गिरफ्तार किया। उसपर 35 लाख की ठगी का आरोप है। 10 फरवरी 2015 को निर्मलासिंह पति स्वरूपसिंह निवासी दशहरा मैदान की शिकायत पर पुलिस ने ट्यूलीप के 12 कर्मचारियों पर धोधाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया था। महिला ने शिकायत की थी कि रोहित व उसके अन्य साथी पीसी जैन, शशि जैन, अमित जैन, विवेक, गफ्फार नवाब बैग, दिनेश कुमावत, विनोद सैनी, विजय टांक, अजय गोधा, राम स्वरूप और मनोज चौधरी मिलकर लोगों को पॉलिसी के नाम पर ठगते थे। 3500 रुपए की पॉलिसी देते थे, जिसके लिए मैंने 100 ग्राहक बनाए थे। जब लोगों को पैसे देने की बात आई तो कंपनी बंद हो गई और उसके सारे कर्मचारी भाग खड़े हुए। फिलहाल एक को गिरफ्तार किया है।
पांच माह बाद पहली गिरफ्तारी
पुलिस की लापरवाही कहें या आरोपियों की प्लानिंग, जो कानून के शिकंजे से पांच माह तक बचते रहे। वैसे पुलिस ने पहली गिरफ्तारी रोहित के रूप में की है लेकिन सवाल उठता है कि बाकि 11 आरोपी कब गिरफ्तार होंगे और भोलेभाले लोगों को अपना पैसा कब मिलेगा।
शिकायत होती, कार्रवाई नहीं
चिटफंड कंपनियों के जाल में भोलेभाले लोग फंस जाते हैं लेकिन कंपनियों पर कार्रवाई ना के बराबर होती है। पुलिस एफआरआर दर्ज करने में भी आनाकानी करती है। इसका सीधा कारण यह है कि इनवेस्टिगेशन करने से पुलिस अधिकारी भी बचते हैं। कंपनियों का जाल बड़े पैमाने पर फैला हुआ है, ऐसे में पुलिस इनपर हाथ डालने से भी डरती है।
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