कोरबा (निप्र)। एक और चिट फंड कंपनी द्वारा निवेश का झांसा देकर ठगी किए जाने का मामला सामने आया है। बाल्को के एक सेवानिवृत्त कर्मी ने पांच वर्ष में रकम दोगुना होने की आस में रोज वेली नामक कंपनी में 15 लाख रुपए जमा कराया था। कंपनी ने राशि जमा किए जाने के बाद बांड भी नहीं दिया था। मैच्युरिटी का वक्त आया तो राशि देने में आना-कानी किया जाने लगा। इस मामले में पुलिस ने कंपनी के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।
ट्रांसपोर्ट नगर में महाराजा हॉटल के निकट पिछले सात साल से रोज वेली नामक चिट फंड कंपनी का दफ्तर संचालित है।
यहां विनिवेश के नाम पर सब्जबाग दिखाकर कई लोगों की गाढ़ी कमाई जमा कराया गया है। इनमें से ही बाल्को के सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं नेहरू नगर निवासी भोजराम जायसवाल पिता स्व.जगतराम जायसवाल (61) का भी नाम शामिल रहा।
कंपनी में बतौर एजेंट काम करने वाले नेहरू नगर निवासी रामशंकर यादव पिता अवधराम यादव (42) उनके पास पहुंचा था और कहा था कि यदि एक लाख रुपए जमा करने पर हर माह उन्हें ब्याज के रूप में एक हजार रुपए प्राप्त होगा। भोजराम ने सबसे पहले अपनी जमा पूंजी से दो लाख रुपए रोज वेली में जमा कर दिया। कुछ दिनों बाद फिर से उन्हें रामशंकर और उसका साथी राजकुमार शाह पिता सुखराम शाह (58) ने भी भोजराम को और पैसे जमा करने की सलाह दी। राजकुमार शाह भी बाल्को का रहने वाला है। इनके झांसे में आकर भोजराम ने कुछ दिनों बाद और तीन लाख रुपए जमा करा दिए । इस तरह वर्ष 2014 में पहले 5 लाख रुपए और पिᆬर वर्ष 2015 में रिटायरमेंट के मिले 10 लाख रुपए एकमुश्त जमा करा दिया। कंपनी ने किसी प्रकार का बांड पेपर नहीं दिया। रोज वेली चिटफंड कंपनी में रीजिनल मैनेजर बताने वाले तापस सामंत स्वयं भोजराम के घर पहुंचा और उनसे 10 लाख का चेक प्राप्त किया और बदले में केवल उन्हें एक रिसिप्ट दिया था। बाद में भोजराम को बताया गया कि कोलकाता के एक हॉटल में यह राशि व्यय की जाएगी और उससे होने वाली आमदनी से रकम दोगुना कर वापस लौटाया जाएगा। इस बीच उस हॉटल में उनके लिए रहने, खाने की मुफ्त व्यवस्था रहेगी। रोज वेली के एजेंटों के गोलमोल बातों से भोजराम को ठगे जाने का अहसास हुआ। उन्हें अब तक पिछले जमा कराए गए 5 लाख रुपए में बतौर ब्याज कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ था। रविवार को भोजराम बाल्को थाना पहुंचकर इस मामले की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने भोजराम की शिकायत पर बाल्को पुलिस ने धारा 420, 34 का मामला पंजीबद्ध कर राजकुमार शाह, रमाशंकर व तापस सामंत को गिरफ्तार कर लिया है।
कोलकाता का डॉयरेक्टर पहले से जेल में
कोरबा में रोज वेली का आफिस टीपी नगर में स्थित है। शहर के कई लोग अपनी जमा पूंजी इस चिटफंड कंपनी में जमा करा चुके है। बताया जा रहा है कि इस कंपनी का डायरेक्टर कुंडू पहले ही धोखाधड़ी के मामले में कोलकाता जेल में बंद है और अब पुलिस ने भोजराम की शिकायत पर तीन लोगों की गिरफ्तारी की है। इससे पहले साई प्रसाद चिटफंड कंपनी ने भी लोगों को ठगा है, जिसकी जांच पुलिस कर रही है। रोज वेली चिटफंड कंपनी कोरबा के अलावा छत्तीसगढ़ के कई जिलों में आफिस खोल रखी है।
पᆬरार होने वाली कंपनियां
वेल्थ क्रिएटिव
लोगों को प्रलोभन देकर दक्षिण भारत की कंपनी वेल्थ क्रिएटिव रूचि रीयल इस्टेट ने लाखों रुपए जमा किए और फरार हो गई। 14 सितंबर को कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला कोतवाली थाना में दर्ज किया गया। कंपनी का ब्रांच मैनेजर सुरेंद्र सिंह अरोरा और इसका सहयोगी अमीर अग्रवाल पुलिस की गिरफ्त में हैं।
ग्रीन रे इंटरनेशनल
9 मई 2014 को चिटफंड कंपनी ग्रीन रे इंटरनेशनल के खिलाफ कोतवाली थाने में धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज किया गया था। निवेशक की शिकायत पर कंपनी के निदेशक मीर सहरूद्दीन, खालिक शाह, आयूब शाह, कंपनी कोरबा शाखा प्रबंधक उत्तम बेहरा और एजेंट के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया। आयूब, उत्तम और कंपनी के एजेंट मौलाना वजीउल्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। कंपनी ने 7 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी कोरबा से की थी।
रेनॉट्स सोसाइटी
मई 2014 में चिटफंड कंपनी रेनॉट्स ने निवेशकों को ठगी का शिकार बनाया। 287 लोगों की गाढ़ी कमाई लेकर बांकीमोंगरा से रातों रात फरार हो गई। पुलिस ने रेनॉट्स के स्टेट सेल्स हेड राकेश कुमार राव और ब्रांच मैनेजर हितेश चौबे को गिरफ्तार किया था। कंपनी ने बांकीमोंगरा से लगभग एक करोड़ रुपए की ठगी की थी। कंपनी का डायरेक्टर अभी भी पुलिस पकड़ से दूर है।
साईं प्रसाद
प्रदेश के कई हिस्सों में चिटफंड कंपनी साई प्रसाद के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई चल रही है। जिले के लगभग 15 हजार लोगों ने इस कंपनी में अपना निवेश किया है। पुलिस अभी इसका आंकलन कर रही है। साई प्रसाद चिटफंड कंपनी ने अपना नाम बदलकर कंपनी फ्यूचर रेड्डी के नाम से कारोबार कर रही है। कंपनी सेवी के नियमों को ताक पर रखकर लेनदेन कर रही है।
वर्सन
रोज वेली चिटपᆬंड कंपनी में ठगी की एकमात्र शिकायत हमारे पास है। प्रथम दृष्टया तीन कर्मचारी इस मामले में सीधे दोषी पाए गए हैं। उनके खिलापᆬ मामला पंजीबद्ध कर गिरफ्तार किया गया है। अन्य लोगों की भूमिका की जांच की जा रही।
- एसके पाठक, प्रभारी, बाल्को थाना